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हुमायूं कबीर से गठबंधन करेगी ओवैसी की AIMIM?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Wed, 10 Dec 2025 04:00 AM IST
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पश्चिम बंगाल की सियासत में इस समय बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर को सोमवार को उस समय गहरा राजनीतिक झटका लगा, जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने उनसे किसी भी तरह के चुनावी गठबंधन से साफ इनकार कर दिया। पार्टी ने उनके प्रस्तावों को “राजनीतिक रूप से संदिग्ध और वैचारिक रूप से असंगत” करार देते हुए कहा कि कबीर की राजनीति AIMIM की विचारधारा से मेल नहीं खाती।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हुमायूं कबीर हाल ही में मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ जैसी एक मस्जिद की नींव रखकर विवादों में घिर गए थे। इसी घटना के बाद टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। कबीर ने दावा किया था कि वे AIMIM सहित कई दलों से गठबंधन की बातचीत कर रहे हैं, लेकिन AIMIM के ताज़ा बयान ने उनके दावे के राजनीतिक मायने ही बदल दिए।
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने कबीर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें व्यापक रूप से BJP नेता और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का करीबी माना जाता है। वकार ने कहा कि अधिकारी केंद्र में BJP के प्रमुख रणनीतिक ढांचे का हिस्सा हैं और कबीर का उनसे राजनीतिक रूप से जुड़े होना पहले से सार्वजनिक जानकारी का हिस्सा है। ऐसे में AIMIM के लिए उनके साथ कोई तालमेल संभव ही नहीं।
वकार ने कहा कि AIMIM कभी भी ऐसे व्यक्ति या समूह के साथ नहीं खड़ी होगी जो समाज में विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है, न कि उकसावे और ध्रुवीकरण की राजनीति में।
उन्होंने कहा, “मुसलमान देश को मजबूत करने वाली ताकतों के साथ खड़ा है। अशांति और विघटन पैदा करने वालों को वह स्पष्ट रूप से नकारता है।”
वकार ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी उल्लेख किया और कहा कि उनकी राजनीति संवैधानिक मूल्यों, शांति, सद्भाव और सामाजिक एकता पर आधारित है। ऐसे में ओवैसी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खड़े नहीं हो सकते जिसकी गतिविधियां समुदायों के बीच अविश्वास और तनाव बढ़ाती हों।
AIMIM प्रवक्ता ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल का मुस्लिम समाज कबीर की हालिया गतिविधियों के पीछे की “राजनीतिक मजबूरियों” को भलीभांति समझ चुका है। उन्होंने कहा कि लोग साफ तौर पर देख रहे हैं कि कबीर किसके इशारे पर और किस मकसद से काम कर रहे हैं।
कबीर को हाल में पार्टी नेतृत्व से लगातार टकराव के बाद टीएमसी से निलंबित किया गया था। इसके बाद उन्होंने 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की है। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने AIMIM और अन्य दलों से गठबंधन के लिए बातचीत होने का दावा भी किया था।
सोमवार को AIMIM द्वारा जारी यह बयान उनके सभी दावों का पहला औपचारिक खंडन है, जिसने बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम राज्य में मुस्लिम वोटों की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है।
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