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DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो के CEO ने दिया ये जवाब
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 09 Dec 2025 02:20 AM IST
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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अभूतपूर्व परिचालन संकट से जूझ रही है। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियमों के लागू होने के बाद पिछले सात दिनों से लगातार उड़ानों के रद्द होने और व्यापक देरी के चलते लाखों यात्री देशभर के एयरपोर्ट्स पर फंसे हुए हैं। इस बीच, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरक्वेरस ने अपना आधिकारिक जवाब सोमवार शाम भेज दिया।
इंडिगो की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया कि यात्रियों को हुई असुविधा “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित घटनाओं के संयोग” का नतीजा है। एयरलाइन ने स्वीकार किया कि संकट के कारण यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कंपनी के अधिकारियों ने माना कि “कई मुसीबतें एक साथ आ गईं”, जिनमें मौसम का प्रभाव, सिस्टम में बढ़ी भीड़भाड़ और सर्दियों के टाइमटेबल से जुड़े बदलाव शामिल हैं।
इंडिगो ने DGCA को बताया कि नए FDTL नियमों का दूसरा चरण लागू होना इस पूरे संकट का सबसे बड़ा कारण रहा। इन नियमों के तहत पायलट और केबिन क्रू की ड्यूटी टाइमिंग को लेकर सख्ती बढ़ गई है। विशाल परिचालन नेटवर्क के कारण इन बदलावों को लागू करते समय एयरलाइन को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कंपनी ने कहा कि वे पहले से ही DGCA के संपर्क में थे और कुछ नियमों में मोहलत या आंशिक छूट की मांग कर रहे थे। इंडिगो ने नियामक को यह भी बताया कि इतनी जटिल स्थिति में “सटीक रूट कॉज” को तुरंत बताना संभव नहीं है और उन्हें विस्तृत ‘रूट कॉज एनालिसिस’ के लिए अधिक समय की जरूरत होगी। एयरलाइन ने DGCA मैनुअल का हवाला देते हुए 15 दिनों का समय मांगा है, जिसमें वे पूरी रिपोर्ट सौंपने का वादा कर रही है।
संकट के सातवें दिन भी इंडिगो का परिचालन चरमराया रहा। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को ही एयरलाइन को 562 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिनमें से अकेले बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 150 उड़ानें रद्द हुईं। यह स्थिति तब बनी है जब 2 दिसंबर से लगातार उड़ानें रद्द हो रही हैं और लाखों यात्री देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं।
इंडिगो ने इसका कारण FDTL नियमों में बदलाव और पायलटों की उपलब्धता में आई कमी को बताया है। हालांकि यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन ने समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, जिससे मैदान में व्यापक अव्यवस्था हुई।
परिचालन संकट का सीधा असर शेयर बाजार पर भी दिखा। इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर सोमवार को 9 प्रतिशत तक गिर गए। NSE पर शेयर 8.62% टूटकर 4,907.50 रुपये और BSE पर 8.28% गिरकर 4,926.55 रुपये पर बंद हुआ। सत्र के दौरान शेयर लगभग 10 प्रतिशत गिरकर 4,842 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के बाजार मूल्य में 17,884.76 करोड़ रुपये की भारी कमी आई है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है।
राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि सरकार इस स्थिति को हल्के में नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करना गंभीर लापरवाही है और जांच जारी है।
मंत्री ने साफ संदेश दिया- “हम बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे और अन्य एयरलाइनों के लिए एक उदाहरण पेश करेंगे।” सरकार का रुख स्पष्ट है कि पायलट ड्यूटी रोस्टर और क्रू मैनेजमेंट में हुई चूक को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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