एशिया कप का रोमांच अपने चरम पर है, लेकिन मैदान पर गेंद और बल्ले से ज्यादा सुर्खियाँ उस विवाद ने बटोर ली हैं, जिसमें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और आईसीसी आमने-सामने खड़े हैं। यह विवाद सिर्फ खेल का हिस्सा नहीं, बल्कि राजनीति, भावनाओं और खेल भावना के टकराव की कहानी है।
रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले के बाद का दृश्य किसी भी क्रिकेट प्रेमी के लिए चौंकाने वाला था। परंपरा के मुताबिक मैच के बाद खिलाड़ी हाथ मिलाते हैं, लेकिन भारतीय टीम ने ऐसा नहीं किया। कप्तान सूर्यकुमार यादव की अगुआई में खिलाड़ियों ने पाकिस्तान से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा इससे इतने आहत हुए कि वह पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में भी शामिल नहीं हुए। यही वह क्षण था जिसने पूरे विवाद को जन्म दिया।
सूर्यकुमार यादव ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह किसी भी तरह से पाकिस्तान के खिलाफ व्यक्तिगत कदम नहीं था। उन्होंने कहा कि यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए लिया गया। यानी खिलाड़ियों ने अपने तरीके से शोक और एकजुटता जताई।लेकिन पाकिस्तान ने इसे ‘खेल भावना के विपरीत’ करार दिया। उनके मुताबिक यह क्रिकेट की परंपराओं और खिलाड़ियों के बीच आपसी सम्मान के खिलाफ था।
अब विवाद का दूसरा पहलू—मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट। पीसीबी का आरोप है कि भारतीय खिलाड़ियों के इस कदम को रोकने या संभालने के बजाय पायक्रॉफ्ट ने खुद पाकिस्तान के कप्तान सलमान को सूर्यकुमार से हाथ मिलाने से रोका। इतना ही नहीं, पाकिस्तान का दावा है कि टीम शीट के आदान-प्रदान की सामान्य प्रक्रिया भी रोक दी गई।पीसीबी का कहना है कि यह सब आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है। उनके मुताबिक रेफरी की जिम्मेदारी थी कि वह माहौल को संतुलित रखें और दोनों टीमों के बीच सम्मान सुनिश्चित करें, लेकिन उन्होंने इसके विपरीत काम किया।
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