केंद्रीय मंत्री और LJP-रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने महागठबंधन के घोषणा पत्र पर कहा, "जब आपको सरकार में आना ही नहीं है तो झूठ बोलने में क्या जाता है। अभी तो इन्होंने परिवार में एक सरकारी नौकरी की बात की है। झूठ बोलने पर आ जाएं तो हर एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी बोल देंगे। झूठ बोलने में ये इतने माहिर हैं.सबको पता है कि ये संभव नहीं है।
केन्द्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने महागठबंधन के घोषणा पत्र को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने घोषणा पत्र में किए गए वादों को झूठा और अव्यावहारिक बताया है। विशेष रूप से, उन्होंने 'हर परिवार को एक सरकारी नौकरी' देने के वादे पर सवाल उठाया। पासवान ने तर्क दिया कि जब महागठबंधन को पता है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं, तो वे बड़े-बड़े झूठे वादे कर रहे हैं। उन्होंने बिहार के बजट का हवाला देते हुए कहा कि राज्य का बजट लगभग 3 लाख करोड़ रुपये है, जबकि लगभग 2.5 करोड़ परिवारों को सरकारी नौकरी देने के लिए न्यूनतम वेतन पर भी 7 से 9 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। पासवान ने यह प्रश्न उठाया कि इतना बड़ा बजट कहाँ से आएगा और महागठबंधन अपनी अन्य घोषणाओं को कैसे पूरा करेगा। उन्होंने महागठबंधन पर केवल "सस्ती पब्लिसिटी के लिए घोषणाएँ" करने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि उनके वादे जमीनी हकीकत से परे हैं। चिराग पासवान ने पहले भी महागठबंधन पर यह कहकर निशाना साधा था कि जो अपना गठबंधन नहीं संभाल सकते, वे बिहारियों को क्या संभालेंगे।
उनके बयान मुख्य रूप से महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाते हैं। मांझी ने कहा कि महागठबंधन के नेता केवल अपने निजी स्वार्थों के लिए साथ हैं, और जहां निजी हितों की बात आती है, वहां मतभेद होना स्वाभाविक है। उन्होंने महागठबंधन में कथित तौर पर कई सीटों पर 'दोस्ताना मुकाबले' की बात पर भी हमला बोला, और सवाल किया कि क्या ऐसा हो सकता है। उनके अनुसार, अगर गठबंधन के दल एकजुट नहीं रह सकते, तो मौका मिलने पर भी वे सरकार बनाने में हस्तक्षेप करेंगे और ऐसी सरकार कल टूट जाएगी।