बिहार में जल्द चुनाव होने है चुनाव को लेकर सभी पार्टियां एक्शन मोड में है, चुनावी रैलियां कर रही है तो वहीं राजनीति में इस वक्त चुनावी तापमान अपने उफान पर दिख रहा है। इस बीच अमर उजाला टीम दिलचस्प सियासी कहानियां जाननें बेगूसराय की गलियों में पहुंची। क्यों की यही वो धरती है, जहां राजनीति सिर्फ की नहीं जाती बल्कि जी जाती है। अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज 24 अक्तूबर को पहुंचा है बेगूसराय में, जहां चौपालों में बहस जोरों पर है, नुक्कड़ों पर चर्चाओं का शोर है, और हर ज़ुबान पर बस एक सवाल “इस बार किसके साथ है बेगूसराय?” सुबह की चाय से लेकर शाम की पंचायत तक जनता का मूड लगातार बदल रहा है। तो आइए, चलते हैं उन गलियों में, जहां से तय होगी सत्ता की नई कहानी सिर्फ ‘सत्ता का संग्राम’ पर। लोगों के जब बात की गई इस दौरान जनता ने वहां के मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया रखी है। चाय पर चर्चा के दौरान एक युवा महागठबंधन समर्थक ने कहा कि बिहार की सियासत महागठबंधन की ओर जाती हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने दावा किया कि बेगूसराय की सभी सात विधानसभा सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है। इतना ही नहीं उनका कहना था कि राहुल गांधी का मिशन सिर्फ बिहार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। महागठबंधन के नेताओं ने जनता का दुख-दर्द समझा है। इसके साथ ही लोगों से जुड़ने का काम किया है। हमारे नेता तेजस्वी यादव हैं, यह हम शुरू से मानते आए हैं। अब इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो गई है। विपक्ष को हमने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करके करारा जवाब दिया है।बेगूसराय जिले की सभी सात सीटों पर महागठबंधन की जीत होगी। ऐसा कहना है एक अन्य महागठबंधन समर्थक का। उनका कहना है कि यहां अमिताभ भूषण के सामने कोई चुनौती नहीं है।