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Constitution Day 2025: A grand program is being organized at Rashtrapati Bhavan today, who is included includi
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Constitution Day 2025 : राष्ट्रपति भवन में आज भव्य कार्यक्रम का आयोजन, PM समेत कौन-कौन शामिल?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Wed, 26 Nov 2025 09:49 AM IST
संविधान दिवस, 2025 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय समारोह आज सुबह 11 बजे संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा। यह मौका भारत द्वारा संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का प्रतीक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे, जिसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा।विधान दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, सेंट्रल हॉल समारोह के दौरान डिजिटल मोड में कई विमोचन की योजना बनाई गई है।विधायी विभाग की तरफ से तैयार नौ भाषाओं - मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया - में भारत के संविधान का लोकार्पण ।संस्कृति मंत्रालय की तरफ से तैयार स्मारक पुस्तिका 'भारत के संविधान से कला और कैलीग्राफी ' (हिन्दी संस्करण) का विमोचन।इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति की तरफ से संविधान की प्रस्तावना का वाचन भी शामिल होगा।देश भर में, सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें और स्थानीय निकाय इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
आम नागरिक कई माध्यमों से इसमें भाग लेंगे:
मायजीओवी.इन और संविधान75.कॉम पर प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन
प्रमाणपत्र सृजन और सोशल मीडिया साझाकरण में भागीदारी
'हमारा संविधान - हमारा स्वाभिमान' पर राष्ट्रीय ऑनलाइन क्विज और ब्लॉग/निबंध प्रतियोगिताएं
सम्मेलन, सेमिनार, वाद-विवाद, लघु फिल्में, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर/पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं, तथा पंचायत से संसद स्तर तक संविधान-विषयक अन्य गतिविधियां।
इस प्रकार, संविधान दिवस, 2025 को देश के हर कोने में और विश्व में रहने वाले भारतीयों द्वारा संवैधानिक मूल्यों के राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के दौरान भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का नेतृत्व करेंगी। इस कार्यक्रम के दौरान यादगार पुस्तिका 'भारत के संविधान में कला और कैलिग्राफी' भी जारी की जाएगी। सन 1949 में 26 नवंबर के दिन ही भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। इसी दिन को हम हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। पहली बार साल 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष में संविधान दिवस की शुरुआत हुई। इस दिन हम संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाते हैं। 26 नवंबर 2015 को समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया था। हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 1949 में इसी दिन हमारे देश ने अपना संविधान अपनाया था। डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
संविधान ने क्या दिया?
26 नवंबर को दिन हर भारतवासी के लिए गर्व का दिन है। ये वह दिन है जब भारत में ऐसी किताब बनकर तैयार हुई जिसने हर भारतीय को समानता का अधिकार दिया, हर भारतीय को खुलकर जीने का अधिकार दिया, हर भारतीय को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार दिया। इस संविधान को बनाने के लिए दिन-रात कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, ताकि किसी भी व्यक्ति के अधिकार कहीं छूट ना जाएं। इसपर तमाम तरह से तर्क-वितर्क किए गए। लगभग तीन साल तक इसके हर पहलू पर विचार किया गया। भारत के संविधान को बनाना इतना आसान काम भी नहीं था। क्योंकि भारत विविधताओं का देश है। ऐसे में सभी धर्म, मत, जाति और अलग-अलग विचारों के लोगों को एक साथ लाना बहुत ही मुश्किल काम था।भारत का संविधान बनाने में कुल 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा था। इस तरह से 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूरा बनकर तैयार हुआ। हमारे देश का संविधान पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान बनाते समय कई देशों के नियमों को शामिल किया गया, जिससे आम लोगों के जीवन में बेहतरीन सुधार लाए जा सके। इसके लिए अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और युनाईटेड किंगडम जैसे देशों के संविधानों की सहायता ली गई। इन देशों के संविधानों से हमने नागरिकों के कर्तव्य, मौलिक अधिकार, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और चुनाव की प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों का चयन किया।
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