सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे फिलहाल खोल दिया गया है और बैरीकेट और डीवाडर वॉल हटाये जा रहे हैं। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बैठे किसानों ने सर्विस रोड पर जो झोपड़ी बनाई थी उसे हटाने का काम भी जारी है।
दरअसल एक याचिका के जवाब में जस्टिस एस के कॉल ने सुनवाई के दौरान कहा किसानों को प्रदर्शन का तो अधिकार है लेकिन इस तरह से सड़क के रोकने का नही। आदेश के स्पष्टीकरण में जस्टिस एस के कॉल ने कहा कि हम बार-बार कानून तय नहीं कर सकते सड़के क्लियर होनी चाहिए। आंदोलन का अधिकार है पर सड़कें ब्लॉक नहीं की जा सकती।
चाहे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही सही पर दिल्ली मेरठ हाईवे खुलने से निश्चित ही रूट डायवर्जन से परेशान लोगों को राहत मिलेगी। पिछले कई महीनों से यह रास्ते बंद थे जिससे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर आवाजाही आम लोगों के लिए परेशानी का सबब हो गई थी। सर्विस लेन खुल जाने से इस्तेमाल करने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
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