देश के अलग-अलग हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। मैदानी इलाकों में जहां मानसूनी वर्षा बड़ी राहत लेकर आ रही है, वहीं पहाड़ी राज्यों में यह आफत बनकर बरस रही है। ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में शनिवार को हुई बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी। 20 जून से 4 जुलाई के बीच 15 दिनों में ही दोनों राज्यों में भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और वर्षा जनित सड़क व अन्य हादसों में मरने वालों की संख्या 77 तक पहुंच गई है। इसमें हिमाचल में 75 और उत्तराखंड में 2 मौतें शामिल हैं। 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 30 से अधिक अभी लापता हैं। अगले सात दिन उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में मानसूनी बारिश जारी रहेगी। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि उत्तराखंड से सटे जिलों में मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ में और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में प्रयागराज, बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र और आसपास भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में बादलों की आवाजाही के बीच बूंदाबांदी व हल्की बारिश होगी।
हिमाचल प्रदेश के राज्य आपदा संचालन केंद्र (एसईओसी) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में अब तक वर्षा जनित घटनाओं में 45 और सड़क हादसों, करंट लगने और गैस विस्फोट में 30 लोगों की जान जा चुकी है। सड़क हादसे भी बारिश के कारण वाहनों के फिसलने, भूस्खलन के नीचे दबने के कारण हुई हैं। अकेले मंडी जिले में ही 16 से अधिक मौतें हुई हैं। घरों, पशुशालाओं को नुकसान पहुंचा है और कई मवेशियों की भी जान चली गई है। राज्य में 260 सड़कें बंद हैं। 300 ट्रांसफार्मर और 281 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। शनिवार को भी पूरे राज्य में भारी बारिश हुई। रविवार को तीन जिलों में मूसलाधार बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
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