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Rahul Gandhi's long tweet on the Ram Bill irks the Modi government
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Rahul on MGNREGA: जी राम जी विधेयक पर राहुल का ये लंबा ट्वीट, मोदी सरकार पर भड़के
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Fri, 19 Dec 2025 03:47 PM IST
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कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा की जगह लाए गए विकसित भारत जी-राम-जी (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन–ग्रामीण) विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने 20 साल पुराने मनरेगा कानून को “एक दिन में ध्वस्त” कर दिया और बिना पर्याप्त जांच-पड़ताल के नए विधेयक को संसद से जबरदस्ती पारित करा लिया।
राहुल गांधी ने नए कानून को “गांव विरोधी और राज्य विरोधी” बताते हुए कहा कि यह अधिकार आधारित और मांग आधारित रोजगार गारंटी की आत्मा को खत्म करता है। सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मनरेगा जैसी योजना, जो मजदूरों के अधिकार पर आधारित थी, उसे दिल्ली से नियंत्रित की जाने वाली “राशन-टाइप स्कीम” में बदल दिया गया है। उनका आरोप है कि इससे राज्यों की भूमिका कमजोर होगी और पंचायतों की स्वायत्तता पर भी असर पड़ेगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दी थी। उनके मुताबिक, जब मजदूरों के पास काम का वास्तविक विकल्प होता है तो शोषण कम होता है, मजदूरी बढ़ती है और मजबूरी में होने वाला पलायन घटता है। राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा के जरिए न केवल ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ, बल्कि काम की परिस्थितियों में भी सुधार आया। उन्होंने आरोप लगाया कि नया विधेयक इसी ताकत को तोड़ने की कोशिश है।
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मनरेगा करोड़ों लोगों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ था। जब देश की अर्थव्यवस्था ठप हो गई और लाखों लोगों की आजीविका खत्म हो गई, तब मनरेगा ने उन्हें भूख और कर्ज में डूबने से बचाया। कांग्रेस नेता के अनुसार, इस योजना से महिलाओं को सबसे ज्यादा लाभ हुआ और हर साल महिलाओं के काम के दिनों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई।
नए विधेयक पर प्रक्रिया को लेकर भी राहुल गांधी ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद बिल को स्टैंडिंग कमेटी में नहीं भेजा गया। उनके मुताबिक, ऐसा कानून जो ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को बदलता है और करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, उसे विशेषज्ञ सलाह, विस्तृत समिति जांच और सार्वजनिक सुनवाई के बिना पारित नहीं किया जाना चाहिए था। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि संसद में बहस को सीमित कर सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया।
केंद्र सरकार पर सीधे निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य स्पष्ट हैं ग्रामीण भारत, खासकर दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की सामूहिक ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना और फिर इसे “सुधार” के रूप में पेश करना। उन्होंने मनरेगा को दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तिकरण कार्यक्रमों में से एक बताया और कहा कि कांग्रेस ग्रामीण गरीबों की “आखिरी सुरक्षा पंक्ति” को खत्म नहीं होने देगी।
राहुल गांधी ने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस इस कानून के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ मिलकर देशव्यापी मोर्चा बनाएगी और सरकार पर इस कानून को वापस लेने का दबाव डालेगी।
गौरतलब है कि गुरुवार रात को संसद ने विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच विकसित भारत जी-राम-जी विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक 20 साल पुराने मनरेगा कानून की जगह लेगा और इसके तहत हर साल 125 दिनों के ग्रामीण मजदूरी रोजगार की गारंटी का प्रावधान किया गया है। विपक्ष ने महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने और राज्यों पर बढ़ते वित्तीय बोझ को लेकर भी कड़ा विरोध दर्ज कराया है। अब इस कानून को लेकर सियासी टकराव और तेज होने के आसार हैं।
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