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What did Shivraj Singh Chauhan say on the opposition tearing and throwing papers?
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विपक्ष के कागज फाड़ने और उछालने पर शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 18 Dec 2025 08:17 PM IST
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संसद में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (वीबी-जी राम जी) बिल पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के सांसदों पर जोरदार हमला बोला है। कागजात फाड़ने, उन्हें उछालने और कुछ सांसदों के टेबल पर चढ़ने की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने संसद की मर्यादाओं को तार-तार कर दिया और लोकतंत्र को “गुंडातंत्र” में बदल दिया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बुधवार देर रात तक वीबी-जी राम जी बिल पर चर्चा चली, जिसमें उन्होंने 98 माननीय सांसदों के विचार सुने। गुरुवार को उन्हें जवाब देना था, लेकिन सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया, “किसी को बोलने नहीं देना कौन सा संसदीय आचरण है?” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद में जो अमर्यादित आचरण देखने को मिला, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। “कागज फाड़कर उछाले गए, सांसद टेबल पर चढ़ गए। क्या यह बापू के आदर्शों की हत्या नहीं है?” शिवराज सिंह ने तीखे शब्दों में विरोध जताया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्षी सांसदों के इस व्यवहार ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है। उन्होंने कहा, “मैं उनके इस कृत्य की घोर निंदा करता हूं। संसद बहस और संवाद का मंच है, न कि हंगामे और अराजकता का।”
उनका कहना था कि हर योजना पर सवाल उठाना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन संसद को बाधित करना और बहस से भागना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि विकसित भारत के लिए विकसित गांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। इसी सोच के तहत वीबी-जी राम जी योजना लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना में ग्रामीण रोजगार के लिए पहले जहां 100 दिन का प्रावधान था, उसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। इसके लिए 1,51,282 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आवंटित की गई है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा के खर्च और उपलब्धियों के आंकड़े भी गिनाए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 2006-07 से 2013-14 तक मनरेगा पर कुल 2,13,220 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं एनडीए सरकार ने 2024-25 तक इस योजना पर 8,53,810 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
श्रम दिवस के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 1,660 करोड़ श्रम दिवस सृजित हुए, जबकि एनडीए सरकार में यह संख्या बढ़कर 3,210 करोड़ हो गई। पूरे किए गए कार्यों की तुलना में यूपीए के समय 153 लाख काम पूरे हुए, जबकि एनडीए सरकार में 862 लाख कार्य पूरे किए गए।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने रोजगार भी ज्यादा दिया और विकास के काम भी ज्यादा किए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर एक कदम आगे बढ़कर नई योजना लाई जा रही है, तो इसमें आपत्ति क्यों है। उन्होंने कहा, “मनरेगा में पैसा अगर भ्रष्टाचार की बलि चढ़ता रहे, तो इसे क्यों होने देना चाहिए?”
कुल मिलाकर, वीबी-जी राम जी बिल पर जहां सरकार रोजगार और पारदर्शिता की दलील दे रही है, वहीं संसद में हुआ हंगामा इस बहस को और तीखा बना गया है।
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