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Satta Ka Sangram: NDA leaders in Samastipur told what their next plan was, how will they compete!
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Satta Ka Sangram: समस्तीपुर में NDAके नेताओं ने बताया क्या है उनका अगला प्लान, कैसे देंगे टक्कर!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sun, 26 Oct 2025 12:57 AM IST
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अमर उजाला का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' मतदाताओं की नब्ज टटोलने बिहार पहुंच रहा है। रविवार को इसकी शुरुआत बक्सर से हो गई है। अपने मताधिकार का प्रयोग करने से पहले मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है, उनके मुद्दे क्या हैं, वे अपने क्षेत्र और राज्य का कैसा भविष्य चाहते हैं, 'सत्ता का संग्राम' के जरिये इन्हीं सवालों के जवाब जानने का प्रयास किया जाएगा। अमर उजाला का यह चुनावी रथ मतदाताओं के बीच होगा और सीधे उन्हीं से यह जानेगा कि वे किन मुद्दों पर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं। इसके जरिए अमर उजाला ज्वलंत मुद्दों की तह तक जाने की भी कोशिश करेगा।
अमर उजाला ने बिहार समस्तीपुर जिले में नेताओं से बिहार के विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी राय को जाना। समस्तीपुर जिले के युवाओं ने विकास से लेकर तमाम बुनियादी मुद्दो को लेकर अपनी राय खुलकर साझा की। युवाओं ने अमर उजाला से बात करते हुए युवाओं ने सत्ता परिवर्तन से लेकर महिलाओं के विकास के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय साझा की। वहीं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं ने भी अपनी चुनौतियों को लेकर निराशा जाहिर की। युवाओं ने कहा कि यहां के युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है, साथ ही सरकारी नौकरी के लिए तो युवाओं को मोटी रकम परीक्षा की तैयारी पर खर्च करनी पड़ती है। युवाओं में सरकारी नौकरी पाने की तीव्र इच्छा है, लेकिन खाली पदों की संख्या और भर्ती की धीमी प्रक्रिया निराशा पैदा करती है।बिहार में बेरोज़गारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है, खासकर शिक्षित युवाओं में यह दर चिंताजनक है।
युवा चाहते हैं कि राज्य में केवल सरकारी नहीं, बल्कि निजी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हों, ताकि उन्हें काम के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े।भर्ती परीक्षाओं में होने वाली अनियमितताएं, धांधली और पेपर लीक की घटनाएं युवाओं में जबरदस्त गुस्सा और अविश्वास पैदा करती हैं। वे निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग करते हैं। युवा चाहते हैं कि उनके गृह राज्य में ही इतने अवसर हों कि उन्हें अपने परिवार से दूर न जाना पड़े। राजनीतिक दल पलायन को रोकने और स्थानीय स्तर पर काम देने का वादा कर रहे हैं।यद्यपि यह मुद्दा सभी वर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन युवा मतदाता राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और खराब बुनियादी ढांचे को एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा मानते हैं।
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