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Shubhanshu Shukla Return: After returning from space travel, he hugged his wife and son, photos went viral
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Shubhanshu Shukla Return: अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद पत्नी और बेटे को लगाया गले, तस्वीरें वायरल
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Thu, 17 Jul 2025 11:26 AM IST
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष से वापस लौटने के बाद परिवार से मिलन का पल पूरे देश के लिए खुशी का पल बन गया है. 18 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने के बाद शुभांशु शुक्ला सोमवार को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से धरती पर लौटे हैं. प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद वे ह्यूस्टन आए हैं. वहां उनकी मेडिकल जांच के बाद उनका परिवार से मिलन हुआ है. शुभांशु की मां कमना ने अपने बेटे को गले लगाया और आंसुओं से भरी आंखों से उनका स्वागत किया है. बता दें कि उनकी ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वाइरल हो रही हैं. जहां शुक्ला अपने चार साल के बेटे को गले लगाते नजर आ रहे हैं.
लगभग दो महीनों में यह पहली बार था जब अंतरिक्ष यात्री अपने परिवार से मिले यह पहली बार था जब पिछले दो महीनों में शुभांशु अपने परिवार से मिले है. लॉन्च से पहले उनकी क्वारंटाइन 15 दिन से शुरू हुई थी, जो बार-बार बढ़ती रही थी. इस दौरान वे पूरी तरह अलग-थलग रह रहे थे. अब उनकी यह मुलाकात देश के लिए भी खुशी की बात है.भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है. वे ISS पर जाने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं. अंतरिक्ष में रहते हुए उन्होंने बायोलॉजी, मटेरियल साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कई वैज्ञानिक प्रयोगों में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. खास तौर पर स्प्राउट्स प्रोजेक्ट में उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि का अध्ययन किया था. बता दें कि यह प्रयोग अंतरिक्ष में टिकाऊ खेती के लिए एक नई राह दिखा सकता है.
शुभांशु का यह सफर न सिर्फ उनके लिए, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भी मील का पत्थर है. अब लोग उत्सुकता से उनकी आगे की यात्रा और प्रयोगों का इंतजार कर रहे हैं. शुक्ला का यह मिशन भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है. जो 2027 में होना है. लखनऊ में जन्मे शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान कई अनोखे प्रयोग किए हैं, जो मानव जीवन और माइक्रोग्रैविटी में जीव-जंतुओं के अस्तित्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.शुभांशु शुक्ला ने लिखा, "मुझे क्वारंटाइन में गए हुए 2 महीने हो गए हैं। क्वारंटाइन के दौरान परिवार से मिलने के लिए हमें 8 मीटर की दूरी पर रहना पड़ता था।"उन्होंने लिखा कि मेरे नन्हे-मुन्ने को बताया गया कि उनके हाथों में कीटाणु हैं, वह अपने पिता को नहीं छू सकता। जब भी मिलने आता अपनी मां से पूछता, "क्या मैं अपने हाथ धो सकता हूं?" यह बहुत मुश्किल था।उन्होंने लिखा, "हम अक्सर जिंदगी में व्यस्त हो जाते हैं और भूल जाते हैं कि हमारे जीवन में लोग कितने महत्वपूर्ण हैं।
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