Hindi News
›
Video
›
India News
›
US Federal Court on Tariff: American court reprimanded Trump, declared the tariff illegal, what next
{"_id":"68b27e7db78df7fe550e446d","slug":"us-federal-court-on-tariff-american-court-reprimanded-trump-declared-the-tariff-illegal-what-next-2025-08-30","type":"video","status":"publish","title_hn":"US Federal Court on Tariff: ट्रंप को अमेरिकन कोर्ट ने सुनाई फटकार, टैरिफ को बताया गैरकानूनी, आगे क्या","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
US Federal Court on Tariff: ट्रंप को अमेरिकन कोर्ट ने सुनाई फटकार, टैरिफ को बताया गैरकानूनी, आगे क्या
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sat, 30 Aug 2025 10:00 AM IST
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दुनिया के अलग-अलग देशों पर लगाए गए टैरिफ को वॉशिंगटन की एक संघीय अपीलीय अदालत ने अवैध करार दे दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा कि ट्रंप की तरफ से लगाए गए अधिकतर आयात शुल्क गैरकानूनी हैं। इस दौरान कोर्ट ने इस ताकत का इस्तेमाल करने की राष्ट्रपति की शक्तियों पर भी सवाल उठाया। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से अपने व्यापार साझेदारों पर कम से कम 10 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। वहीं, भारत और ब्राजील जैसे देशों पर अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ की दर अब 50 फीसदी हो चुकी है। हालांकि, अमेरिकी संघीय अदालत का फैसला दुनिया की अधिकतर अर्थव्यवस्थाओं के लिए राहत भरा फैसला बनकर आया है।ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर संघीय अपीलीय अदालत का ट्रंप के टैरिफ पर रोक लगाने का फैसला क्यों अहम है? कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय पर मुहर लगाने के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्तियों को लेकर क्या कहा है? संघीय अदालत के फैसले का क्या असर होगा? भारत के लिए यह फैसला कितनी राहत लेकर आया है? ट्रंप के टैरिफ पर अब आगे क्या होगा? आइये जानते हैं...ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ क्यों अहम है संघीय कोर्ट का फैसला?
संघीय अदालत का फैसला ट्रंप के उस वैश्विक व्यापार ढांचे को बदलने की कोशिश पर बड़ा अवरोध है, जिसके जरिए वह अमेरिका के साथ व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगाकर ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने का मौका ढूंढ रहे थे।कोर्ट के फैसले के बाद अब ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ पर रोक लगना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, व्हाइट हाउस कई बार कह चुका है कि वह टैरिफ के खिलाफ दिए गए किसी भी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा।संघीय अदालत ने ट्रंप के टैरिफ के फैसले-राष्ट्रपति की शक्तियों पर क्या कहा?
⦁ संघीय अपीलीय अदालत ने अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से आपातकाल में मिलने वाली शक्तियों के गलत इस्तेमाल की बात कही। 11 जजों की पीठ में 7 जजों ने ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया, वहीं 4 जजों के फैसले असहमति वाले थे।
⦁ बहुमत के फैसले में अदालत ने कहा, "क्योंकि हम सहमत हैं कि आपातकाल कानून (अंतरराष्ट्रीय आपातकाल आर्थिक शक्ति कानून) राष्ट्रपति को आयात पर नियम बनाने की शक्ति देता है, लेकिन यह उन्हें कार्यकारी आदेशों के जरिए टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं देता।"
⦁ कोर्ट ने कहा, "टैक्स और टैरिफ लगाने की शक्तियां संविधान की तरफ से सिर्फ और सिर्फ विधायी शाखा- संसद (कांग्रेस) के पास है। ट्रंप ने अपने सबसे व्यापक टैरिफ लागू करते समय जिस कानून का सहारा लिया, वह असल में उन्हें आयात शुल्क लागू करने की शक्ति नहीं देता है।"
⦁ "जब संसद ने आईईईपीए कानून तैयार किया था, तब इसमें टैरिफ, शुल्क या टैक्स जैसे शब्द नहीं रखे। इस तरह के शब्द न होने की वजह से तय तौर पर संसद राष्ट्रपति को मिलने वाली असीमित ताकत को सीमित करना चाहता था।"
निचली अदालत ने मई में क्या कहा था?
गौरतलब है कि इस साल मई में अमेरिका की निचली अदालत- यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड यानी अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने भी ट्रंप के टैरिफ को अवैध करार दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि अमेरिकी संविधान संसद को अन्य देशों के साथ व्यापार को विनियमित करने का विशेष अधिकार देता है। लेकिन, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल कर इस प्रावधान को रद्द नहीं कर सकते।अदालत ने कहा था कि ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (आईईईपीए) का गलत इस्तेमाल किया है। ये कानून राष्ट्रपति को आपातकाल में कुछ खास शक्तियां देता है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ट्रंप ने इसका बिना किसी ठोस आधार के ही इस्तेमाल कर लिया। हालांकि, अदालत ने ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमीनियम पर एक अलग कानून का इस्तेमाल कर लगाए गए कुछ इंडस्ट्री विशिष्ट टैरिफ पर रोक नहीं लगाई गई है।संघीय
वॉशिंगटन स्थित संघीय अपीलीय अदालत ने अपने फैसले को 14 अक्तूबर से लागू करने की बात कही है। यानी इस तारीख तक ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ लागू रहेंगे। इस दौरान ट्रंप प्रशासन कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है, जो कि तय माना जा रहा है।
कोर्ट के इस निर्णय के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा, "सभी टैरिफ अभी भी प्रभावी हैं। अगर यह टैरिफ हट जाते हैं, तो यह हमारे देश के लिए पूरी तरह आपदा जैसा होगा।"फैसले पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने कानूनी तरीके से संसद द्वारा दी गई टैरिफ लगाने की ताकतों का इस्तेमाल किया, ताकि हमारी राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को विदेशी खतरों के खिलाफ बरकरार रखा जा सके। हम इस मामले में अंतिम जीत की तरफ देख रहे हैं।"
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।