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Jammu-Kashmir Flood: Amid the devastation in Jammu and Kashmir, the army is engaged in rescuing the victims da
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Jammu-Kashmir Flood: जम्मू कश्मीर में मची तबाही के बीच दिन-रात पीड़ितों को बचाने में जुटी सेना!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Fri, 29 Aug 2025 03:30 AM IST
जम्मू कश्मीर में जलप्रलय के बीच भारतीय थल सेना के एविएशन ने बाढ़ राहत बचाव में इतने जोखिम भरे ऑपरेशन को अंजाम दिया कि देखने वाले चौंक जाएं. पानी से भरे इलाके में घरों की छत पर मदद की राह देखने वाले लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू के लिए आर्मी एविएशन ने अपने चीता और ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं. जम्मू, सांभा, कठुआ, पठानकोट और गुरदासपुर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोगों को बचाने का काम जारी है. आर्मी ने राहत बचाव के लिए 20 सेना के कॉलम तैनात किए हैं जो दिन-रात पीड़ितों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने में जुटे हैं. सेना के राइजिंग स्टार कोर की तरफ से चलाए जा रहे इस ऑपरेशन में अब तक 1000 के करीब लोगों को सुरक्षित बचाया गया है. इनमें आर एस पुरा के एक अनाथालय के 50 बच्चे, BSF के 56 और 21 CRPF के जवान भी शामिल हैं. इसके अलावा जम्मू स्थित भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर की एविएशन यूनिट ने दस घंटे तक सत्रह शटल चलाए और सत्ताईस सुरक्षा कर्मियों को बचाया, जो जम्मू जिले के अखनूर उप-मंडल के जौरियां में बाढ़ के पानी में फंसे हुए थे. भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर Mi-17 और चिनूक ने भी लगातार अपने ऑपरेशन को जारी रखा. कुल 190 लोगों को रेस्क्यू किया और 6750 किलो राहत सामग्री गिराई
तकरीबन 100 दिन के करीब ग्राउंडेड रहने के बाद ALH फिर से एक्शन में हैं. 5 जनवरी को पोरबंदर में कोस्ट गार्ड के ALH क्रैश के बाद से ही सभी फ्लीट को ग्राउंड कर दिया गया था. HAL डिफेक्ट इंवेस्टिगेशन टीम की सघन जांच के बाद टीम ने 1 मई को थलसेना और वायुसेना के सभी ध्रुव हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की इजाजत दे दी थी. ध्रुव हेलिकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से स्वदेशी है. इसे किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह समंदर के ऊपर भी उड़ सकता है तो हाई एल्टिट्यूड के इलाके में 15000 फीट के ऊपर भी उड़ान भर सकता है. ALH रात में भी आसानी से ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. एक बार में 10 से 12 लोग इसमें बैठ सकते हैं.
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