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VIDEO : जासूसी और युद्ध में होता आया है चमगादड़, बिल्ली और पक्षियों का इस्तेमाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: Shilpa Thakur Updated Sun, 05 May 2019 11:17 PM IST
दुनियाभर के देश जासूसी के लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमाते हैं। कोई इसके लिए पहचान बदलकर किसी शख्स को संबंधित देश में भेजता है तो कोई तकनीक का सहारा लेता है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जासूसी के लिए जानवरों का इस्तेमाल भी किया जाता है। ताकि जिस देश की जासूसी की जा रही है, उसे कोई शक ना हो, इसके लिए बकायदा उस जानवर को प्रशिक्षण तक दिया जाता है।
नॉर्वे में एक व्हेल के मिलने के बाद ये मुद्दा एक बार फिर उठ गया है। यहां के विशेषज्ञों का मानना है कि देश के किनारे पर आई एक सफेद व्हेल रूसी जासूस हो सकती है। ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि व्हेल के शरीर पर एक खास तरह का पट्टा लगा हुआ था। इन विशेषज्ञों का मानना है कि ये संभव है कि व्हेल को रूसी नौसेना ने प्रशिक्षण दिया हो। इस व्हेल पर एक गोप्रो कैमरा होल्डर के साथ रूसी शहर और सेंट पीटर्सबर्ग की ओर इशारा करने वाला एक लेबल चस्पा था। इसी क्षेत्र में रूसी नौसेना का एक अड्डा भी है।
लेकिन जासूसी के लिए जानवरों का इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है। ऐसा काफी लंबे समय से होता आया है-
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