राजस्थान कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष माणिक्य लाल वर्मा की जयंती के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रेस से बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी कैबिनेट को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मैं तो हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि अपने मंत्रियों की सुनवाई करवा दें, क्योंकि आज उनकी भी कोई नहीं सुन रहा।
डोटासरा ने भाजपा की ‘वर्कर्स सुनवाई’ पहल पर व्यंग्य करते हुए कहा कि असली समस्या मंत्रियों की सुनवाई न होना है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव सुधांशु पंत ‘SA लगाकर’ निकल गए और अब मंत्री शिकायत कर रहे हैं कि SA उनकी फाइलें नहीं सुनता, जबकि SA कह रहा है कि मंत्री फाइलें भेजते ही नहीं। “सरकार का पूरा सिस्टम उलझा हुआ है और मंत्री खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं,” डोटासरा ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि जब मंत्री अपने प्रभारी जिलों में जाते हैं तो उनके पास कार्यकर्ता भी नहीं आते। “इनको फोन करके कार्यकर्ताओं को बुलाना पड़ता है, अपनी ही इज्जत बचाने की गुहार लगानी पड़ती है। इसका साफ मतलब है कि न जनता को विश्वास है, न कार्यकर्ताओं को कि ये कोई सुनवाई करेंगे,” उन्होंने कहा।
डोटासरा ने दावा किया कि आज ऐसा परसेप्शन बन चुका है कि मंत्रियों की सुनवाई नहीं हो रही और अब तो मुख्यमंत्री की भी नहीं। ऐसे में आम जनता की सुनवाई होने की संभावना ही खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा, “यह कहते हैं कि 24 घंटे मंत्रियों के दरवाजे खुले हैं, पर मैं चुनौती देता हूं। किसी भी मंत्री का दरवाजा वास्तव में खुला दिखा दें।”
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खाद संकट पर बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि किसान खाद के लिए तरस रहे हैं और सरकार उन्हें लाठियां दे रही है। उन्होंने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के हाल ही के स्टिंग पर भी सवाल उठाया और पूछा कि उसका लाभ क्या निकला आज स्थिति यह है कि असली हो या नकली, कोई भी खाद उपलब्ध नहीं है। सरकार को तो असली खाद का ज्ञान ही नहीं, क्योंकि सरकार ही असली नहीं है, उन्होंने तंज कसा।