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Sirohi News: Neeraj Dangi raises issue in Rajya Sabha, seeks hike in deposit insurance for bank failures
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Sirohi News: बैंकों के डूबने पर जमाओं की बीमा राशि बढ़ाने की मांग, नीरज डांगी ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिरोही Published by: सिरोही ब्यूरो Updated Wed, 03 Dec 2025 11:11 PM IST
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आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान राजस्थान के राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने बैंकों के डूबने की स्थिति में खाताधारकों को जमा राशि पर मिलने वाली बीमा सुरक्षा की सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खाताधारकों को अतिरिक्त प्रीमियम देकर अपनी जमा राशि पर अतिरिक्त बीमा कवर लेने का विकल्प दिया जाए।
डांगी ने कहा कि अधिकांश वरिष्ठ नागरिक वृद्धावस्था में अपनी जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर ही आश्रित रहते हैं। ऐसे में यदि कोई बैंक डूब जाता है, तो इन लोगों की बुढ़ापे की गाढ़ी कमाई कुछ ही क्षणों में खत्म हो सकती है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान नियमों के अनुसार किसी भी बैंक की सभी शाखाओं में जमा कुल राशि पर अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है। बैंक के डूबने की स्थिति में खाताधारक को इसी सीमा तक का भुगतान डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाता है, भले ही उनकी कुल जमा राशि इससे कहीं अधिक क्यों न हो।
डांगी ने कहा कि ऐसी स्थिति में 5 लाख रुपये से अधिक जमा राशि पूरी तरह डूबने का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि DICGC की मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों की 56.9% जमा राशि बीमित नहीं है, जिसमें अधिकांश पैसा वरिष्ठ नागरिकों और मध्यमवर्गीय खाताधारकों का है।
DICGC रिपोर्ट का हवाला देते हुए डांगी ने कहा कि वर्ष 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) के डूबने के बाद 4 फरवरी 2020 को जमा बीमा की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई थी। हालांकि अब भी यह राशि बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि DICGC की रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 तक देश के 1997 बैंकों में जमा कुल राशि का केवल 43.1 प्रतिशत हिस्सा ही बीमित है। यानी 56.9 प्रतिशत राशि बीमा कवरेज से बाहर है, जो चिंता का विषय है।
सांसद ने बताया कि वर्ष 1961 से मार्च 2024 तक देशभर में 431 सहकारी बैंक डूब चुके हैं। सिर्फ वित्त वर्ष 2023-24 में ही ऐसी स्थितियों में 17 हजार करोड़ रुपये का भुगतान DICGC को करना पड़ा। इस दौरान DICGC को बैंकों से प्रीमियम के रूप में लगभग 24 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि डिपॉजिट इंश्योरेंस फंड में 2 लाख करोड़ रुपये की सुरक्षित राशि उपलब्ध है।
देश में लगातार बढ़ रही बैंकों के डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए डांगी ने कहा कि खाताधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए बीमा सीमा को तत्काल 25 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बैंकों द्वारा 0.12 प्रतिशत की दर से बीमा प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, जिसे मामूली रूप से बढ़ाकर यह सुविधा दी जा सकती है। इससे बैंक विफलता की स्थिति में खाताधारकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी और बैंकिंग प्रणाली पर जनता का भरोसा व स्थायित्व और मजबूत होगा।
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