झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ उपखंड के राणासर गांव में 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन निर्माण कार्य को लेकर किसानों और कंपनी के बीच मुआवजा विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार को यह विवाद उस समय उग्र हो गया जब तीन युवक अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर गांव के मोबाइल टावर पर चढ़ गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस घटना से गांव में भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
किसानों ने बताया मुआवजा दर अनुचित
किसानों का आरोप है कि कंपनी उनकी जमीन का मुआवजा बेहद कम दर पर देना चाहती है। उनका कहना है कि जहां राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य परियोजनाओं में जमीन का मुआवजा 50 से 60 हजार रुपये प्रति बीघा तक मिल रहा है, वहीं इस परियोजना में केवल 18 हजार रुपये प्रति बीघा देने का प्रस्ताव है। ग्रामीण इसे अन्यायपूर्ण मानते हुए किसी भी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
काम रुकवाया, प्रशासन मौके पर पहुंचा
शनिवार सुबह जब कंपनी के कर्मचारी काम शुरू करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए काम रुकवा दिया। सूचना मिलने पर एसडीएम सुशील सैनी और सीआई सुगन सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों से वार्ता की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। इसी दौरान तीन युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गए और अपनी मांगों पर अड़े रहे।
यह भी पढ़ें- Rajsthan News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बड़ा हादसा; श्रद्धालुओं को ट्रक ने रौंदा, 5 लोगों की मौके पर मौत
आदेश का हवाला देकर पूरी कीमत की मांग
किसानों ने उपमहानिरीक्षक सेलेक्टर सीकर के आदेश संख्या 439/2020 का हवाला देते हुए कहा कि उनकी जमीन का मूल्य 15 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तय है। इसलिए उन्हें 100 प्रतिशत मुआवजा इसी दर से दिया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि जब तक उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक कंपनी का काम नहीं होने देंगे और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
तनावपूर्ण माहौल, पुलिस-प्रशासन सतर्क
फिलहाल प्रशासन और पुलिस टावर पर चढ़े युवकों को शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं। गांव में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। अधिकारियों की निगरानी में हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
यह भी पढ़ें- Rajasthan Flood News: राजस्थान में जल प्रलय: चंबल खतरे के निशान से 3 मी. उपर, आज 5 जिलों में रेड अलर्ट