नगर परिषद की भूमि पर कब्जे को लेकर नागौर शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित प्रताप सागर तालाब के पास शुक्रवार को दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट और पथराव हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से कई लोग घायल हो गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर परस्पर मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, प्रताप सागर तालाब क्षेत्र में नगर परिषद की अंगोर भूमि पर मंदिर और बगीची निर्माण की आड़ में कब्जे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। बताया गया कि नायकों के मोहल्ले निवासी रवीना पुत्री धन्नाराम वर्षों पुराने पाबूजी महाराज के मंदिर परिसर में सफाई करने गई थी। इसी दौरान माली समाज के कुछ लोग—नाथू माली, जयराम माली, मनीष, चेनाराम और पवन भाटी—वहां पहुंचे। आरोप है कि तालाब की उसी अंगोर भूमि पर संत शिरोमणि लिखमीदास महाराज की बगीची के नाम पर भी कब्जा किया गया है। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई।
आरोप है कि पहले रवीना के साथ मारपीट की गई, जिसके बाद उसके परिजन मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों में जमकर हाथापाई और पथराव हुआ। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग तारबंदी की पट्टियां तोड़ते हुए भी नजर आ रहे हैं।
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एक पक्ष की ओर से चेनाराम ने पुलिस को दी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि लिखमीदास महाराज की बगीची के पास कुछ युवक नशे की सामग्री की सप्लाई और जुआ-सट्टा करवाते हैं। विरोध करने पर उन्होंने बगीची की पट्टियां तोड़ दीं और पथराव शुरू कर दिया। आरोप है कि प्रदीप नामक युवक ने कुल्हाड़ी से सिर पर वार किया, जिससे गंभीर चोट आई। साथ ही गले से करीब दो तोले की सोने की चेन तोड़ ली गई, जेब से दो हजार रुपये निकाल लिए गए और पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी गई। इस दौरान पास खड़ी कार के शीशे भी तोड़ दिए गए। वहीं दूसरे पक्ष की ओर से रवीना नायक ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया, गाली-गलौज कर अपमानित किया गया और मारपीट की गई। इस मामले में पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
कोतवाली थाना अधिकारी वेदपाल शिवरान ने बताया कि नगर परिषद की जमीन पर कब्जे की नीयत से दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। दोनों ओर से परस्पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। इधर, नागौर नगर परिषद के आयुक्त गोविंद सिंह भींचर ने स्पष्ट किया कि उक्त भूमि किसी भी व्यक्ति को आवंटित नहीं की गई है। नगर परिषद की ओर से भी मामला दर्ज करवाया गया है और एक सप्ताह के भीतर अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, हालांकि पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।