राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में विभागीय लापरवाही के चलते करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम कई महीनों से बंद पड़े हैं। इसके कारण बाघों की मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग में समस्या हो रही है और रिजर्व में होने वाली अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 2017-18 में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) द्वारा लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से सर्विलांस सिस्टम स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा, मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग के साथ-साथ शिकार, अतिक्रमण और अवैध चराई रोकना था।
सिस्टम के तहत रिजर्व का 942 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र 12 थर्मल कैमरों और ड्रोन के माध्यम से कवर किया गया था। 30 से 45 मीटर ऊंचे टावरों पर लगे थर्मल कैमरों का कवरेज 5 किलोमीटर तक था। लेकिन वर्तमान में 12 थर्मल कैमरों में से 11 कैमरे खराब हैं और केवल एक कैमरा ही कार्य कर रहा है। इससे बाघों की मॉनिटरिंग और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना संभव नहीं हो पा रहा है।
यह भी पढ़ें- Rajasthan News: ‘लव मोहम्मद-लव सनातन’ बैनरों को लेकर बनी तनाव की स्थिति, प्रशासन की दखल से शांत हुआ मामला
रणथंभौर के सीसीएफ अनूप के आर ने बताया कि सर्विलांस सिस्टम के थर्मल कैमरों की खराबी की कई बार सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दी गई थी। लिखित शिकायत करने के बावजूद आज तक कैमरों को ठीक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से 24 घंटे रिजर्व के संवेदनशील इलाकों पर निगरानी रखी जाती थी। सिस्टम खराब होने के कारण इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। अनूप के आर ने कहा, “सर्विलांस सिस्टम बंद होने से बाघों की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण में गंभीर कमी आई है। विभागीय अनदेखी से यह हाई-टेक प्रोजेक्ट बंद पड़ा है।” सर्विलांस सिस्टम की खराबी के कारण रणथंभौर में बाघों की मॉनिटरिंग, शिकार पर रोक और वन्यजीव संरक्षण की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। इस हाई-टेक सिस्टम के बिना वनकर्मी संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी प्रभावी ढंग से नहीं कर पा रहे हैं।