प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत विजन को आगे बढ़ाते हुए रविवार को उदयपुर के फील्ड क्लब में वाइब्रेंट गुजरात कल्चरल प्रोग्राम 2025 आयोजित हुआ। वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर आधारित इस कार्यक्रम ने गुजरात और राजस्थान की संस्कृतियों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान की अनूठी मिसाल पेश की।
गुजरात पर्यटन निगम की मेजबानी में हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने किया। मंच पर गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, विधायक ताराचंद जैन, पर्यटन सचिव राजेंद्र कुमार, पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक प्रभव जोशी समेत कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक परिधानों में पहुंचे। गुजरात की चणिया-चोली और केडियू-चोर्ना के साथ मेवाड़ी पाग और मारवाड़ी साफों ने संस्कृति का सुंदर संगम पेश किया। लोक कलाकारों ने तलवार रास, गोफ गुंथन, मणियारो रास और घूमर की मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं पार्श्व गायक पार्थिव गोहिल ने लोकगीतों की प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।
सिर्फ लोक नृत्य और संगीत ही नहीं, बल्कि गुजरात के पारंपरिक व्यंजनों ने भी लोगों को आकर्षित किया। खमण-ढोकला, फाफड़ा समेत कई व्यंजनों के स्वाद का लोगों ने लुत्फ उठाया।
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर और गुजरात दोनों ही अपनी-अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाने जाते हैं। ऐसे आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं बल्कि दोनों राज्यों की साझा विरासत को भी मजबूती प्रदान करते हैं। गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि राजस्थान और गुजरात का रिश्ता खानपान, रहन-सहन और परंपराओं में गहराई से जुड़ा है और यह आयोजन इस रिश्ते को और मजबूत करेगा।