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Russia: यूक्रेन का समर्थन करना शिक्षक को पड़ा भारी, रूस ने देशद्रोह का दोषी ठहराकर 20 साल के लिए भेजा जेल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को Published by: काव्या मिश्रा Updated Fri, 21 Jun 2024 09:15 AM IST
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सार

एक अधिकारी ने बताया कि 27 वर्षीय डेनियल क्लियुका को पांच साल जेल में और 15 साल सख्त शासन वाली दंड कॉलोनी में बिताने होंगे।

Russia jailed Teacher for 20 years of High Treason charges on Supporting Ukraine world news in Hindi
जेल - फोटो : प्रतीकात्मक
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विस्तार
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रूस की एक सैन्य अदालत ने एक शिक्षक को 20 साल जेल की सजा सुनाई है। उन्हें यूक्रेन को पैसे भेजने के लिए 'देशद्रोह' के आरोप में सजा दी गई है। गौरतलब है, मॉस्को ने फरवरी 2022 में अपने पश्चिमी समर्थक पड़ोसी कीव के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था। इसके बाद से यूक्रेन के प्रति हमदर्दी या कथित समर्थन करने वालों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। इसके चलते हजारों लोगों को जेल में डाला गया या जुर्माना लगाया गया है।

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ऐसे काटेंगे सजा
एक अधिकारी ने बिना नाम उजागर किए गुरुवार को बताया कि 27 वर्षीय डेनियल क्लियुका को पांच साल जेल में और 15 साल सख्त शासन वाली दंड कॉलोनी में बिताने होंगे। यह फैसला बुधवार को सुनाया गया था। शिक्षक पर देशद्रोह और आतंकवादी गतिविधियों के प्रति समर्थन देने का आरोप लगा था।
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यह लगा आरोप
रूसी मीडिया का कहना है कि क्लियुका ने कथित तौर पर यूक्रेनी फंड 'जिंदा वापस आओ' के लिए 20 हजार से एक लाख रूबल के बीच भेजे। बता दें यह फंड यूक्रेन की सेना के लिए धन एकत्र करता है। अभियोग के अनुसार, क्लियुका ने यूक्रेन की अजोव रेजिमेंट को पैसे भेजने की भी योजना बनाई, जिसे रूस ने आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लियुका को ट्रायल के दौरान दोषी ठहराया गया। उसे फरवरी 2023 में मॉस्को के दक्षिण में लिपेत्स्क क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया था।

साथ काम करने वालों ने फंसाया?
एक टेलीग्राम समूह के अनुसार, क्लियुका ने कहा कि उन्होंने क्रेमलिन समर्थक अखबार में दिखाए गए कुछ लोगों के मूंह पर सींग, दाढ़ी और मूंछें बनाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू किए जाने के बाद क्लियुका के स्कूल के सहकर्मचारियों ने अखबार पर चित्रों को देखा और उनकी शिकायत कर दी थी, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

क्लियुका ने कहा, ' मैंने सिर्फ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए रेखाचित्र बनाए थे। मगर सहकर्मियों ने एफएसबी सुरक्षा सेवा को बुलाया और उन्हें अखबार पकड़ा दिए। अधिकारियों से कहा कि मुझे विस्फोटकों में दिलचस्पी है।'

उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन के कब्जे वाले लुगांस्क क्षेत्र में रहने वाले रिश्तेदारों को उन्होंने पैसे भेजे थे। मगर उन्हें यह कबूल करने के लिए मजबूर किया गया था कि वे आजोव रेजिमेंट को धन देने वाले थे।
 

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