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US: बुडापेस्ट बैठक रद्द होने के बाद ट्रंप का एक्शन, रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: लव गौर
Updated Thu, 23 Oct 2025 04:39 AM IST
सार
US Announces New Sanctions Against Russia:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस के ऊपर अपने प्रतिबंधों की कार्रवाई की है। अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की है।
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राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन (फाइल)
- फोटो : एएनआई / रॉयटर्स
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विस्तार
बुडापेस्ट में राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक रद्द होने के बाद अमेरिका ने रूस पर एक और बड़ा आर्थिक प्रहार किया है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को घोषणा की है कि अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल सहित दर्जनों सहायक कंपनियों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
युद्धविराम से इनकार के बाद एक्शन
अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के “बेवजह युद्ध खत्म करने से इनकार” के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब हत्या बंद करने और तत्काल युद्धविराम का समय है। पुतिन के इस निरर्थक युद्ध को समाप्त न करने की जिद को देखते हुए ट्रेजरी विभाग रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहा है, जो क्रेमलिन की युद्ध मशीन को फंड करती हैं।
दलीय दबाव के बाद ट्रंप प्रशासन का फैसला
दरअसल, रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ-साथ दर्जनों सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध का यह निर्णय महीनों से चल रहे दलीय दबाव के बाद लिया गया, जिसमें सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूस के तेल उद्योग को निशाना बनाने की मांग की थी। बेसेंट ने कहा कि वित्त मंत्रालय युद्ध समाप्त करने के ट्रम्प के प्रयासों का समर्थन करने के लिए यदि आवश्यक हुआ तो आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इसी के साथ सहयोगी देशों से भी इन प्रतिबंधों में शामिल होने का आग्रह किया है।
रूसी हमले में गई थी 6 लोगों की जान
बेसेंट ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब नाटो महासचिव मार्क रूटे ट्रम्प के साथ वार्ता के लिए वाशिंगटन में थे। बता दें कि नाटो इस समय यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय देशों से खरीदे गए हथियारों की आपूर्ति में समन्वय कर रहा है। अमेरिका की यह घोषणा रूसी ड्रोन और मिसाइलों द्वारा यूक्रेन में कई जगहों पर किए गए विस्फोटों के बाद आई है, जिसमें एक महिला और उसकी दो छोटी बेटियों सहित कम से कम छह लोग मारे गए।
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युद्धविराम से इनकार के बाद एक्शन
अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के “बेवजह युद्ध खत्म करने से इनकार” के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब हत्या बंद करने और तत्काल युद्धविराम का समय है। पुतिन के इस निरर्थक युद्ध को समाप्त न करने की जिद को देखते हुए ट्रेजरी विभाग रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहा है, जो क्रेमलिन की युद्ध मशीन को फंड करती हैं।
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दलीय दबाव के बाद ट्रंप प्रशासन का फैसला
दरअसल, रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ-साथ दर्जनों सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध का यह निर्णय महीनों से चल रहे दलीय दबाव के बाद लिया गया, जिसमें सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूस के तेल उद्योग को निशाना बनाने की मांग की थी। बेसेंट ने कहा कि वित्त मंत्रालय युद्ध समाप्त करने के ट्रम्प के प्रयासों का समर्थन करने के लिए यदि आवश्यक हुआ तो आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इसी के साथ सहयोगी देशों से भी इन प्रतिबंधों में शामिल होने का आग्रह किया है।
रूसी हमले में गई थी 6 लोगों की जान
बेसेंट ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब नाटो महासचिव मार्क रूटे ट्रम्प के साथ वार्ता के लिए वाशिंगटन में थे। बता दें कि नाटो इस समय यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय देशों से खरीदे गए हथियारों की आपूर्ति में समन्वय कर रहा है। अमेरिका की यह घोषणा रूसी ड्रोन और मिसाइलों द्वारा यूक्रेन में कई जगहों पर किए गए विस्फोटों के बाद आई है, जिसमें एक महिला और उसकी दो छोटी बेटियों सहित कम से कम छह लोग मारे गए।