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पाकिस्तान पर लग सकती है पाबंदी
Updated Wed, 13 Mar 2013 06:34 PM IST
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अमेरिका ने पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अगर इस परियोजना पर सचमुच में काम आगे बढ़ता है तो पाकिस्तान को प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
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सोमवार को ईरान और पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने पाकिस्तान-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया न्यूलैंड ने पत्रकारों से रोजाना की प्रेस ब्रिफिंग के दौरान इस परियोजना पर अमेरिकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान पर पाबंदी लगाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि जैसा कि दो सप्ताह पहले अमेरिका ने कहा था कि अगर इस परियोजना पर काम आगे बढ़ता है तो अमेरिका-ईरान प्रतिबंध कानून के तहत पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को इस बारे में अपनी स्थिति बता दी है।
गलत दिशा
अमेरिकी प्रवक्ता का कहना था कि पहले भी कई बार कहा गया है कि गैस पाइपलाइन परियोजना की घोषणा कर दी गई है इसलिए अमेरिका पहले देखेगा कि दरअसल इस परियोजना के बारे में क्या होता है।
पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे समय में जब अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर साथ काम कर रहें हैं, अगर पाइपलाइन का काम आगे बढ़ा तो ये पाकिस्तान को गलत दिशा में ले जाएगा।
इससे पहले सोमवार को अमेरिका के विरोध के बावजूद पाकिस्तान और ईरान को जोड़ने वाली विवादित गैस पाइपलाइन पर एक कदम आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इस परियोजना के दूसरे चरण का उद्घाटन किया।
ईरान में पाइपलाइन का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। अब पाकिस्तान में इसके निर्माण की शुरुआत हुई है। अगले दो साल में कुल 780 किलोमीटर पाइपलाइन तैयार की जानी है।
पाकिस्तान में माना जाता है कि ये बहुप्रतीक्षित पाइपलाइन देश के गंभीर ऊर्जा संकट को कम करने में मदद कर सकती है।
इस पाइपलाइन परियोजना पर 1994 में बात शुरू हुई थी और शुरुआत में इसे भारत तक गैस सप्लाई करनी थी। लेकिन 2009 में भारत इस समझौते से बाहर हो गया था।