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Australia: मधुमेह पीड़ित लड़की की मौत के मामले में बड़ा फैसला, ऑस्ट्रेलियाई धार्मिक समूह के 14 सदस्य दोषी करार
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कैनेबरा
Published by: शुभम कुमार
Updated Wed, 29 Jan 2025 03:01 PM IST
सार
बात तीन साल पहले की है। जब ऑस्ट्रेलिया में एक आठ साल की मधुमेह से पीड़ित बच्ची की मौत का कारण उसी के माता-पिता और एक धार्मिक समूह के कुछ सदस्यों का अंध विश्वास बन गया। इसी मामले में आज अदालत ने सभी 14 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन सभी को 11 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी।
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अदालत का फैसला।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में एक 8 साल की लड़की की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जहां तीन साल के बाद इस बात की पुष्टि हो गई है कि मधुमेह पीड़ित लड़की एलिजाबेथ रोज स्ट्रुह्स की मौत मधुमेह (टाइप-1) के लिए निर्धारित इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देने के कारण हुई थी। चौकाने वाली बात ये है कि इस हत्या के आरोप में लड़की के माता-पिता और भाई समेत उनके धार्मिक समुदाय के 12 अन्य सदस्य दोषी पाए गए हैं।
माता-पिता के साथ दोषी पाया गया भाई
बता दें कि ये घटना 7 जनवरी 2022 की है, जब लड़की एलिजाबेथ रोज स्ट्रुह्स की मौत मधुमेह (टाइप-1) के लिए निर्धारित इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देने के कारण हो गई। मामले में लड़की के पिता जेसन रिचर्ड स्ट्रुह्स और समुदाय के नेता ब्रेंडन ल्यूक स्टीवंस दोनों को हत्या के दोषी पाया गया। इसके अलावा लड़की की मां केरी एलिज़ाबेथ स्ट्रुह्स और भाई ज़ैचरी एलन स्ट्रुह्स समेत अन्य 12 सदस्य भी दोषी ठहराए गए हैं। क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने सभी 14 आरोपियों को हत्या का दोषी माना है।
11 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार इन सभी दोषियों को 11 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी और हर एक को अधिकतम उम्रभर की सजा होने की संभावना जताई गई है। कोर्ट के फैसले के बाद लड़की की बहन जेडे स्ट्रुह्स ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हालांकि उन्हें कोर्ट का फैसला अच्छा लगा, लेकिन उन्हें यह महसूस हुआ कि सिस्टम ने पहले एलिजाबेथ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफलता दिखाई। जडे ने कहा कि अगर पहले ही एलिजाबेथ को सुरक्षित जगह पर नहीं भेजा गया होता या उसे बचाने के लिए सही कदम उठाए जाते तो शायद यह दुखद घटना नहीं होती।
एक नजर सुनवाई पर
क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मार्टिन बर्न्स ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अभियोजन पक्ष यह नहीं कर पाया कि मामले में लड़की के पिता और धार्मिक नेता गुनेहगार नहीं है और उनकी लापरवाही से लड़की की जान नहीं गई है। हालांकि न्यायाधीश ने यह भी माना कि लड़की के माता-पिता ने अन्य आरोपियों के सहयोग से उस बच्ची की देखभाल के मामले में मानक से बहुत अलग व्यवहार किया।
धार्मिक नेता ने दिया था ये तर्क
गौरतलब है कि मधुमेह पीड़ित 8 साल की लड़की एलिजाबेथ रोज स्ट्रुह्स की मधुमेह (टाइप-1) के लिए निर्धारित इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देने के कारण 7 जनवरी 2022 को मौत हो गई थी। मामले में माता-पिता ने इलाज करवाने के बजाय धार्म गुरु की बातों पर विश्वास किया। जहां धार्मिक समूह का नेता स्टीवंस ने ये तर्क दिया था कि उस बच्चो भगवान ही ठीक कर सकते है ना कि कोई चिकित्सा या फिर उपचार।
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माता-पिता के साथ दोषी पाया गया भाई
बता दें कि ये घटना 7 जनवरी 2022 की है, जब लड़की एलिजाबेथ रोज स्ट्रुह्स की मौत मधुमेह (टाइप-1) के लिए निर्धारित इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देने के कारण हो गई। मामले में लड़की के पिता जेसन रिचर्ड स्ट्रुह्स और समुदाय के नेता ब्रेंडन ल्यूक स्टीवंस दोनों को हत्या के दोषी पाया गया। इसके अलावा लड़की की मां केरी एलिज़ाबेथ स्ट्रुह्स और भाई ज़ैचरी एलन स्ट्रुह्स समेत अन्य 12 सदस्य भी दोषी ठहराए गए हैं। क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने सभी 14 आरोपियों को हत्या का दोषी माना है।
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11 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार इन सभी दोषियों को 11 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी और हर एक को अधिकतम उम्रभर की सजा होने की संभावना जताई गई है। कोर्ट के फैसले के बाद लड़की की बहन जेडे स्ट्रुह्स ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हालांकि उन्हें कोर्ट का फैसला अच्छा लगा, लेकिन उन्हें यह महसूस हुआ कि सिस्टम ने पहले एलिजाबेथ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफलता दिखाई। जडे ने कहा कि अगर पहले ही एलिजाबेथ को सुरक्षित जगह पर नहीं भेजा गया होता या उसे बचाने के लिए सही कदम उठाए जाते तो शायद यह दुखद घटना नहीं होती।
एक नजर सुनवाई पर
क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मार्टिन बर्न्स ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अभियोजन पक्ष यह नहीं कर पाया कि मामले में लड़की के पिता और धार्मिक नेता गुनेहगार नहीं है और उनकी लापरवाही से लड़की की जान नहीं गई है। हालांकि न्यायाधीश ने यह भी माना कि लड़की के माता-पिता ने अन्य आरोपियों के सहयोग से उस बच्ची की देखभाल के मामले में मानक से बहुत अलग व्यवहार किया।
धार्मिक नेता ने दिया था ये तर्क
गौरतलब है कि मधुमेह पीड़ित 8 साल की लड़की एलिजाबेथ रोज स्ट्रुह्स की मधुमेह (टाइप-1) के लिए निर्धारित इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं देने के कारण 7 जनवरी 2022 को मौत हो गई थी। मामले में माता-पिता ने इलाज करवाने के बजाय धार्म गुरु की बातों पर विश्वास किया। जहां धार्मिक समूह का नेता स्टीवंस ने ये तर्क दिया था कि उस बच्चो भगवान ही ठीक कर सकते है ना कि कोई चिकित्सा या फिर उपचार।