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Bangladesh: 'हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध पर विवेक और नैतिक स्पष्टता के साथ काम करे भारत', यूनुस सरकार का आग्रह
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 09 Jul 2025 10:32 PM IST
सार
Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर संवेदनशीलता और नैतिकता के आधार पर फैसला लेने का आग्रह किया है। हसीना पर प्रदर्शनकारियों की हत्या समेत मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप हैं। भारत को पिछले साल आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण को लेकर पत्र भेजा गया था, लेकिन उसने अब तक इस पर टिप्पणी नहीं की है।
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शेख हसीना, मोहम्मद यूनुस
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को आग्रह किया कि भारत सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध पर अपने विवेक और नैतिक स्पष्टता से निर्णय ले। हसीना बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों का सामना कर रही हैं।
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पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश ने भारत को एक आधिकारिक पत्र भेजा था, जिसमें उसने शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजने (प्रत्यर्पण) की मांग की थी। भारत सरकार ने इस पत्र के मिलने की पुष्टि की, लेकिन इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सोशल मीडिया पर कहा, हम अब भारत से अनुरोध करते हैं कि वह संवेदनशीलता और नैतिक स्पष्टता के साथ काम करे। उन्होंने कहा, भारत ने बहुत लंबे समय से हसीना के प्रत्यर्पण के बांग्लादेश के वैध अनुरोध के अनुपालन से इनकार किया है।
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भारत के रुख को असहनीय बताते हुए आलम ने कहा कि नागरिकों की जान लेने के लिए न तो क्षेत्रीय मित्रता, न रणनीतिक विचार और न ही रानजीतिक विरासत जायज ठहराई जा सकती है। आलम का यह बयान तब सामने आया है, जब एक दिन पहले बीबीसी बांग्ला सेवा ने लीक हुए एक फोन कॉल के आधार पर रिपोर्ट जारी की। इसमें कथित तौर पर बताया गया था कि हसीना ने पिछले साल के बड़े आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों को गोली मारने के लिए सुरक्षा बलों को आदेश दिया था।
आलम ने कहा, बीबीसी ऐआई इंवेस्टिगेशन यूनिट ने अब हसीना की सीधे राज्य प्रायोजित हत्या में भूमिका की पुष्टि कर दी है और जब बीबीसी जैसी वैश्विक संस्था बांग्लादेश में अपराधों का पता लगाने के लिए अपने पूरे संसाधन लगाती है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर फोकस करना चाहिए।
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बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध अधिकरण-1 ने 10 जुलाई को फैसला लेना है कि हसीना और उनके दो वरिष्ठ सहयोगियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे या नहीं। पिछले सप्ताह बुधवार को हसीना को आईसीटी ने एक अवमानना याचिका मामले में गैर-मौजूदगी पर छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। यह पहली बार है जब अवामी लीग नेता हसीना (77 वर्षीय) को पिछले वर्ष अगस्त में पद छोड़ने के बाद किसी भी मामले में सजा हुई है।
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