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BRICS: ब्रिक्स ने आतंकवाद को बताया साझा खतरा, घोषणापत्र जारी कर निर्णायक कदम उठाने का संकल्प लिया
एजेंसी, कजान
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Thu, 24 Oct 2024 06:34 AM IST
सार
ब्रिक्स देशों के नेताओं ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की और जोर दिया कि इसे किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। घोषणापत्र में कहा गया है कि हम इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकवाद एक साझा खतरा है।
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ब्रिक्स सम्मेलन
- फोटो : एक्स/विदेश मंत्रालय
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विस्तार
ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद को साझा खतरा करार दिया। साथ ही आतंकी विचारधारा के प्रसार, आतंकी मकसदों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग, आतंकियों की सीमापार आवाजाही व आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने का संकल्प लिया। रूस के कजान शहर में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद साझा घोषणापत्र जारी हुआ।
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ब्रिक्स देशों के नेताओं ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की और जोर दिया कि इसे किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। घोषणापत्र में कहा गया है कि हम इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकवाद एक साझा खतरा है। इसके लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर राज्यों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण जरूरी है। नेताओं ने देशों की संप्रभुत्ता और सुरक्षा के प्रति पूर्ण सम्मान तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर और वैश्विक कानून के अनुरूप आतंकवादी खतरों को रोकने और उनका मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। कहा, हम मानते हैं कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक, अनुचित है, चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो। इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई पर जोर दिया।
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भारत युद्ध नहीं, संवाद और कूटनीति का है समर्थक आतंकवाद पर दोहरे रवैये की गुंजाइश नहीं : मोदी
रूस-यूक्रेन जंग के शांतिपूर्ण तरीके से समाधान पर जोर देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर लोगों के दोहरे रवैये की कोई गुंजाइश नहीं है। हमें संगठित होकर आतंकवाद और आतंकी गतिविधियों को धन मुहैया कराने वालों के साथ सख्ती से निपटना होगा। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस वैश्विक प्रयासों की वकालत करते हुए कहा कि आतंकवाद व इसके वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हम सभी को एकमत होने की जरूरत है। ऐसे गंभीर मामले पर दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे।
यूपीआई प्रणाली साझा करने को तैयार
पीएम ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाकर स्थानीय मुद्रा में व्यापार व सुगम रूप से सीमापार भुगतान हमारा आर्थिक सहयोग मजबूत करेगा। यूपीआई कई देशों में अपनाया गया है। भारत ब्रिक्स देशों के साथ यूपीआई प्रणाली साझा करने के लिए तैयार है।
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