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Canada Election: कनाडा के चुनावी मैदान में पहली बार उतरे गुजराती, पहले राजनीति में पंजाबियों का था बोलबाला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोरंटो Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 09 Apr 2025 09:39 AM IST
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सार

कनाडा में पंजाबी समुदाय के लोग बड़े पैमाने पर सरकार और प्रशासन में शामिल हैं, लेकिन अब वहां पर गुजराती भी राजनीति में अपनी पहचान बना रहे हैं। कनाडा में होने वाले चुनाव में चार गुजराती उम्मीदवार मैदान उतर रहे हैं। पढ़ें कौन हैं वे उम्मीदवार..

Canada Election 2025: Gujaratis Make Electoral Debut In Canada, News in Hindi
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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कनाडा में इस महीने होने वाले 45वें संघीय चुनाव में भारतीय मूल के चार गुजराती उम्मीदवार पहली बार चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले तक कनाडाई राजनीति में पंजाबी समुदाय का ही बोलबाला था, लेकिन अब गुजराती भी राजनीति में अपनी पहचान बना रहे हैं। गुजराती समुदाय से जयेश ब्रह्मभट्ट, सुंजीव रावल, अशोक पटेल और मिनेश पटेल इस बार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से दो उम्मीदवार पार्टी टिकट पर और दो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे हैं।
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पंजाबी अब भी ताकतवर, गुजराती भी दिखा रहे हैं दम
कनाडा में भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में है, जिसमें पंजाबी और गुजराती सबसे ज्यादा हैं। जहां पंजाबी समुदाय लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है, वहीं गुजराती अब अपने सामाजिक योगदान और व्यापारिक समाज के दम पर राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं। गुजराती आमतौर पर व्यापार से जुड़े होते हैं और कनाडा में अच्छी आर्थिक स्थिति बनाने के बाद अब समाजसेवा और राजनीति में उतर रहे हैं। वहीं पंजाबी समुदाय की बात करें तो वे पहले से ही संसद, मंत्री पद और बड़े राजनीतिक पदों पर काबिज रहे हैं।

ये गुजराती उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव
  • जयेश ब्रह्मभट्ट (ब्रैम्पटन चिंगुएकौसी पार्क) - जयेश साल 2001 में भारत से कनाडा आए थे। पेशे से सिविल इंजीनियर हैं और अब एक सफल रियल एस्टेट कारोबारी हैं। अब पीपल्स पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है, 'हम स्वतंत्रता, जिम्मेदारी, और सभी के लिए सम्मान की बात करते हैं। मुझे लोगों से अच्छा समर्थन मिल रहा है। बदलाव की उम्मीद है।'
  • सुंजीव रावल (कैलगरी मिदनापुर) - सुंजीव रावल पिछले 20 साल से कनाडा में हैं और खुद का बिजनेस चलाते हैं। वह कई भारतीय संगठनों से जुड़े हुए हैं और सामुदायिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनका कहना है, 'हम मध्यम वर्ग के मुद्दों - जैसे महंगाई, मकान, और रोजगार - पर लड़ रहे हैं। इमिग्रेशन को भी संतुलित करने की जरूरत है।'
  • अशोक पटेल (एडमोंटन शेरवुड) - स्वतंत्र उम्मीदवार - अशोक पटेल कारोबारी हैं और पहली बार राजनीति में आए हैं। उनका उद्देश्य है कि वे लोगों की सेवा संसद में जाकर करें।
  • मिनेश पटेल (कैलगरी स्काईव्यू) - स्वतंत्र उम्मीदवार - मिनेश भी व्यापारी हैं और अपने इलाके के लोगों की समस्याओं को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मानना है कि जमीनी स्तर पर बदलाव जरूरी है।

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डॉन पटेल को नहीं मिला टिकट
कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी ने एक और गुजराती उम्मीदवार डॉन पटेल को टिकट देने पर विचार किया था। डॉन पटेल मूल रूप से गुजरात के आणंद जिले से हैं और कनाडा में रियल एस्टेट में सफल कारोबारी हैं। लेकिन आखिर में उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला।

गुजरातियों की भागीदारी में बड़ा बदलाव
हेमंत शाह, जो 'ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) में इंटरनेशनल ट्रेड डायरेक्टर हैं, उन्होंने कहा कि यह बदलाव अचानक नहीं है। उन्होंने कहा, 'कनाडा में एक लाख से ज़्यादा गुजराती रहते हैं। खासतौर पर टोरंटो, ओटावा, मॉन्ट्रियल, वैंकूवर और कैलगरी में। ये चुनाव ऐतिहासिक है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पहली बार गुजराती उम्मीदवार उतर रहे हैं'।

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