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World Updates: रेड सी में जर्मन विमान पर चीन का अटैक, चीनी राजदूत तलब; फिलीपींस भी ड्रैगन पर सख

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: शिव शुक्ला Updated Tue, 08 Jul 2025 06:05 PM IST
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world updates - फोटो : अमर उजाला

रेड सी में यूरोपीय मिशन के तहत उड़ान भर रहे एक जर्मन निगरानी विमान पर चीन की जंगी जहाज ने बिना किसी चेतावनी के लेजर फेंका। यह हमला यमन के हूती विद्रोहियों से नागरिक जहाजों की रक्षा करने के लिए चलाए जा रहे मिशन के दौरान हुआ। जर्मन रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस हरकत ने विमान और उसमें मौजूद लोगों की जान को खतरे में डाला। इसके बाद मिशन को तुरंत रोककर विमान को जिबूती के बेस पर सुरक्षित उतारा गया। 

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इस पर कार्रवाई करते हुए जर्मनी ने बर्लिन स्थित चीनी राजदूत को तलब किया और विरोध दर्ज कराया। यूरोपीय मिशन किसी भी सैन्य हमले में शामिल नहीं होता, उसका काम सिर्फ नागरिक जहाजों की सुरक्षा है। चीन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हूती विद्रोहियों ने एक अन्य जहाज पर हमला कर उसे डुबाने का दावा भी किया है।
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पूर्व सांसद पर बैन को लेकर फिलीपींस ने चीन के राजदूत को किया तलब, कहा- आवाज दबाई तो जवाब मिलेगा 
दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद और गहरा गया है। फिलीपींस सरकार ने चीन के राजदूत को तलब किया है। इसका कारण है चीन द्वारा फिलीपींस के पूर्व सांसद फ्रांसिस टोलेंटिनो पर लगाया गया प्रतिबंध। चीन ने टोलेंटिनो को हांगकांग और मकाऊ सहित अपने सभी क्षेत्रों में प्रवेश से अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

चीन का आरोप है कि टोलेंटिनो जैसे नेता “गलत बयानों और कार्यों” से चीन के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फिलीपींस ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी लोकतांत्रिक देश के निर्वाचित प्रतिनिधि पर सजा देना 'समान संप्रभुता' के सिद्धांत के खिलाफ है।

टोलेंटिनो ने दक्षिण चीन सागर पर फिलीपींस के दावे को मजबूत करने वाले दो अहम बिल लाए थे। उन्होंने चीन पर चुनावों में दखल और जासूसी का भी आरोप लगाया था।
 

अमेरिका ने एचटीएस से हटाया विदेशी आतंकवादी संगठन का दर्जा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सीरिया के हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) से विदेशी आतंकवादी संगठन का दर्जा हटा लिया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सीरिया पर प्रतिबंधों को हटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 23 जून को जारी इस ज्ञापन पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हस्ताक्षर किए है। इसे मंगलवार को आधिकारिक तौर पर फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किया जाएगा।

पिछले साल दिसंबर में एचटीएस ने अन्य इस्लामी विद्रोहियों के साथ मिलकर सीरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया था। एचटीएस के तत्कालीन नेता अहमद अल-शरा अब सीरिया के राष्ट्रपति हैं। उन्होंने सीरिया को एक समावेशी व लोकतांत्रिक देश बनाने की इच्छा जताई है। यह कदम ट्रंप की ओर से पिछले सप्ताह सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों को समाप्त करने वाले कार्यकारी आदेश के बाद आया है। इसका उद्देश्य देश को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलगाव खत्म करना और विनाशकारी गृहयुद्ध के बाद पुनर्निर्माण में मदद करना है।

अमेरिका में रह रहे 80,000 होंडुरास और निकारागुआ नागरिकों की टीपीएस सुरक्षा खत्म
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे करीब 80,000 होंडुरास और निकारागुआ नागरिकों की अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीएसपी) सुरक्षा खत्म करने का फैसला किया है। यह लोग 1998 में आए विनाशकारी तूफान मिच के बाद से अमेरिका में रह रहे थे और 25 वर्षों से उन्हें काम करने और देश में रहने की अनुमति मिली हुई थी। मामले में अब ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन देशों की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है, इसलिए इन्हें अब अपने देश लौट जाना चाहिए। यह फैसला अमेरिका की आव्रजन सख्ती नीति का हिस्सा है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन अधिक से अधिक लोगों को निर्वासन (डिपोर्ट) के योग्य बना रहा है।

समझिए क्या है टीपीएस
टीपीएस यानी टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस एक अस्थायी सुरक्षा होती है जो अमेरिका में कुछ देशों के नागरिकों को दी जाती है, यदि उनके देश में युद्ध, आपदा या अन्य गंभीर संकट हो। यह सुरक्षा डिपोर्ट से बचाव और काम करने की अनुमति देती है, लेकिन नागरिकता का रास्ता नहीं देती।

कितने लोग होंगे प्रभावित?
अब बात अगर ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों की करें तो इससे 72,000 होंडुरास और 4,000 निकारागुआ नागरिकों को यह सुरक्षा मिली हुई थी। टीपीएस एलायंस का कहना है कि कई लोग अब वैध निवास पा चुके हैं, इसलिए करीब 40,000 होंडुरास नागरिक सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। सुरक्षा की अवधि 5 जुलाई को समाप्त हो चुकी है और अब 60 दिनों के भीतर यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
 

काहिरा में टेलिकॉम कंपनी की बिल्डिंग में भीषण आग, 14 लोग घायल
मिस्र की राजधानी काहिरा के बीचोंबीच स्थित प्रमुख टेलिकॉम कंपनी टेलिकॉम इजिप्ट की 10 मंजिला इमारत में सोमवार को भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर कम से कम 14 लोग घायल हो गए, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, घायलों में दो आपातकालीन कर्मी भी शामिल हैं जिन्हें हाथों में जलने के कारण इलाज की जरूरत पड़ी। आग सातवीं मंजिल पर स्थित एक उपकरण कक्ष से शुरू हुई और देखते ही देखते फैल गई।

घटना काहिरा के रामसेस इलाके में हुई। घटना के बाद पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। मौके पर कई एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचीं। दमकलकर्मी सीढ़ियों के सहारे ऊपरी मंजिलों तक पहुंचे और पानी की तेज बौछार से आग पर काबू पाया। इस आग से इंटरनेट, मोबाइल फोन और ऑनलाइन पेमेंट सेवाओं में कुछ समय के लिए रुकावट आई। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कहा है कि सेवाएं कुछ घंटों में पूरी तरह बहाल कर दी जाएंगी।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में तीन ऑयल टैंकरों को अगवा किया, सात क्रू मेंबरों का अपहरण
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने तीन तेल टैंकरों को अगवा कर लिया और सात क्रू मेंबरों का अपहरण कर लिया। यह घटना बन्नू जिले के टुच्ची ब्रिज इलाके में मरवत नहर के पास हुई, जो उत्तरी वज़ीरिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) सलीम खान कुलाची ने बताया कि ये काफिला उत्तरी वज़ीरिस्तान से आ रहा था, तभी अज्ञात हमलावरों ने रास्ता रोककर तीनों ऑयल टैंकरों को कब्जे में ले लिया और सात कर्मचारियों को उठा ले गए।

पुलिस ने बक्का खेल थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। अब तक किसी भी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही किसी फिरौती की मांग सामने आई है। बन्नू जिले में हाल के दिनों में हिंसा बढ़ी है। पिछले हफ्ते एक 'जिरगा' (पारंपरिक पंचायत) पर गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन लोग घायल हुए थे। वहीं इस महीने की शुरुआत में ग़ोरीवाला कस्बे में एक पुलिसकर्मी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

युगांडा की राजनीति में बड़ी हलचल, जेल में बंद विपक्षी नेता बेसिजे ने बनाई नई पार्टी

युगांडा के विपक्षी नेता किजा बेसिजे ने जेल में रहते हुए राजधानी कंपाला से अपनी नई पार्टी पीपल्स फ्रंट फॉर फ्रीडम की शुरुआत कर दी है। देशद्रोह के आरोपों में नवंबर से जेल में बंद बेसिजे पर आरोप है कि उन्होंने विदेशों से सैन्य समर्थन लेकर राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की सरकार को गिराने की साजिश रची।

चार बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ चुके बेसिजे के समर्थकों का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक बदले की भावना से लगाए गए हैं, ताकि वे 2026 के चुनाव में हिस्सा न ले सकें। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि बेसिजे अपराध नहीं, बल्कि सत्ता के डर की वजह से जेल में हैं। मुसेवेनी के बेटे और सेना प्रमुख काइनरूगाबा ने यहां तक कह दिया था कि बेसिजे को फांसी दी जानी चाहिए। वहीं, बेसिजे के खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्हें जमानत नहीं दी गई है।
 

इस्राइल के साथ युद्ध में 1,060 लोगों की मौत: ईरान
ईरान सरकार ने इस्राइल युद्ध में मरने वालों का नया आंकड़ा दिया है। ईरान सरकार ने कहा कि संघर्ष में 1060 लोग मारे गए हैं और चेतावनी दी है कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है। ईरान के शहीद एवं सैनिक मामलों के फाउंडेशन के प्रमुख सईद ओहादी ने चेतावनी दी कि कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, इसलिए मरने वालों की संख्या 1,100 तक पहुंच सकती है।

गाजा में इस्राइली हमले में 18 लोगों की मौत
गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस्राइल के दो अलग-अलग स्थानों पर हवाई हमलों में 18 लोग मारे गए। आतंकवादियों ने मृतकों और घायलों को बचाने के लिए भेजे गए अतिरिक्त बलों पर भी गोलियां चलायीं।

यमन में लाल सागर में जहाज पर हमला
ब्रिटिश समुद्री सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने सोमवार को बताया कि यमन के लाल सागर बंदरगाह होदेइदाह से 49 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में एक जहाज पर स्किफ और ड्रोन से हमला किए गए। लाइबेरिया के ध्वज वाले बल्क कैरियर पर चालक दल के दो सदस्य घायल हो गए, जबकि दो लापता हैं। एक समुद्री सुरक्षा सूत्र ने बताया कि होदेइदाह के पास एक जहाज पर ड्रोन हमला हुआ था और उसने मेडे कॉल जारी किया था। इससे पहले दिन में यमन के ईरान-संबद्ध हूती विद्रोहियो ने कहा कि मालवाहक जहाज मैजिक सीज पर गोलीबारी, रॉकेट और विस्फोटकों से लदी रिमोट-नियंत्रित नावों से हमला किया था।


मानसून की बारिश से नेपाल को चीन से जोड़ने वाला मुख्य पुल बहा, छह चीनी नागरिकों सहित 18 लोग लापता
मानसून की बारिश से आई बाढ़ में मंगलवार को 18 लोग और नेपाल को चीन से जोड़ने वाला मुख्य पुल बह गया। चीन में लगातार हो रही मानसूनी बारिश के कारण सोमवार रात नेपाल में भोटेकोशी नदी में बाढ़ आ गई। वहीं मितेरी पुल मंगलवार सुबह करीब 3:15 बजे बाढ़ में बह गया। वहीं छह चीनी नागरिकों सहित 18 लोग लापता हो गये हैं।

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) के अनुसार, नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस की संयुक्त टीम ने दो पुलिसकर्मियों सहित 11 लोगों को बचाया। बाढ़ में कई घर और चीन से आयातित पांच इलेक्ट्रिक वाहन भी बह गए।
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