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Jack Ma: क्या चीनी सरकार से पंगा लेना जैक को पड़ा भारी, जानें एंट ग्रुप से नियंत्रण खत्म करने के पीछे का खेल
एजेंसी, शंघाई।
Published by: Amit Mandal
Updated Sun, 08 Jan 2023 01:25 AM IST
सार
वित्तीय प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनी एंट के पुनर्गठन के बाद ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि चीनी अरबपति जैक मा को इसका नियंत्रण छोड़ना होगा।
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Jack Ma
- फोटो : wikipedia
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विस्तार
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चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के सहयोगी एंट ग्रुप ने शनिवार को कहा कि उसके संस्थापक जैक मा का अब देश की फिनटेक कंपनी पर नियंत्रण नहीं रहेगा। इसके पीछे दो वर्ष पूर्व शेयर बाजार में कदम जमाने के तुरंत बाद नियामक कार्रवाई को कारण बताया जा रहा है। बता दें कि एंट का 37 अरब डॉलर का आईपीओ 2020 में अंतिम समय में रद्द किया गया, जिसके बाद कंपनी का पुनर्गठन किया गया।
अब जैक मा का हिस्सा 6.2 फीसदी तक रह जाएगा
वित्तीय प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनी एंट के पुनर्गठन के बाद ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि चीनी अरबपति जैक मा को इसका नियंत्रण छोड़ना होगा। हालांकि कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि मा के नियंत्रण छोड़ने से कंपनी के लिए अपने आईपीओ को फिर से लाने का रास्ता साफ हो सकता है, लेकिन इस बदलाव के चलते लिस्टिंग नियमों के कारण आईपीओ आने में और देरी होने की संभावना है। चीन के घरेलू शेयर बाजार में कंपनियों को नियंत्रण में बदलाव के बाद लिस्टिंग के लिए तीन साल इंतजार करना पड़ता है। कंपनियों को शंघाई के नास्देक शैली के बाजार में लिस्टिंग के लिए दो साल और हांगकांग में एक साल इंतजार करना पड़ता है। 2020 में एक्सचेंजों के साथ दायर एंट के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, मा के पास ई-कॉमर्स दिग्गज अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड की सहयोगी एंट में केवल 10 फीसदी हिस्सेदारी रह गई है। मा के पास पहले एंट में 50 फीसदी से अधिक मतदान अधिकार थे, लेकिन बदलाव के बाद अब उनका हिस्सा 6.2 फीसदी तक रह जाएगा।
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एंट कंपनी में होंगे कई बदलाव
एंट कंपनी के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस से पता चलता है कि जैक मा की निवेश फर्म हांग्जो युनबो का दो अन्य ऐसी संस्थाओं पर नियंत्रण था जिनके पास कंपनी की साझा 50.5 फीसदी हिस्सेदारी है। इस तरह मा के पास कंपनी का नियंत्रण था। अब एंट ने कहा है कि मा और उनके नौ अन्य प्रमुख शेयरधारकों ने अपने मतदान अधिकारों का प्रयोग एक साथ नहीं करने पर सहमति जताई है। वे अब स्वतंत्र रूप से मतदान करेंगे। हालांकि यह भी कहा गया है कि इससे एंट में शेयरधारकों के आर्थिक हित नहीं बदलेंगे। एंट ने कहा, वह बोर्ड में पांचवें स्वतंत्र निदेशक को शामिल करेगी ताकि स्वतंत्र निदेशकों में कंपनी बोर्ड का बहुमत शामिल हो।
महंगा पड़ा चीन सरकार से पंगा
चीन के जैक मा एक वक्त एशिया के सबसे बड़े रईस थे लेकिन आज उनकी हालत खस्ता है। अब उनके हाथ से एंट ग्रुप भी निकल गया है। इस ग्रुप को जैक मा ने ही खड़ा किया था और बुलंदियों पर पहुंचाया था। बताया गया कि जैक मा को चीन की सरकार से पंगा लेना महंगा पड़ा। उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चीन सरकार की खुलकर आलोचना की थी। इसके बाद से ही उन पर चीन में सख्ती होने लगी। फिलहाल करीब छह माह से मा मध्य टोक्यो में रह रहे हैं। 2021 में उनके गायब होने की खबरों से दुनिया हैरान रह गई थी। बता दें, 2020 में मुकेश अंबानी को पछाड़कर जैक मा एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए थे।
नेटवर्थ में भारी गिरावट
पिछले साल जैक मा की नेटवर्थ में काफी गिरावट आई। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक जैक मा की नेटवर्थ अब 34.1 अरब डॉलर रह गई है और वह दुनिया के अमीरों की सूची में 34वें नंबर पर पहुंच गए हैं। अक्तूबर 2020 में चीनी नियामकों की सार्वजनिक आलोचना के कुछ दिनों बाद ही हांगकांग और शंघाई में एंट की बाजार सूची पटरी से उतर गई थी। तब से, उसका विशाल साम्राज्य नियामक जांच के अधीन है और पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा है। एंट ग्रुप चीन के सर्वव्यापी मोबाइल भुगतान ऐप अलीपे को संचालित करती है, जो दुनिया का सबसे बड़ा है, जिसके 1 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं।