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शी जिनपिंग का सपना: चीन सरकार के 'चाबुक' के आगे क्यों घुटने टेक रही हैं टेक कंपनियां, ये है वजह

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 27 Jul 2021 02:51 PM IST
सार

पिछले हफ्ते चीन में इंटरनेट की निगरानी करने वाली संस्था ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स को निर्देश दिया था कि वे बच्चों के लिए अनुचित कंटेंट हटा दें। इसके लिए अधिकारियों ने कुआईशाउ, टेन्सेंट के मैसेंजिंग एप क्यूक्यू, अलीबाबा ताओबाओ, वियेबो आदि को साइबर स्पेस एडमिन्स्ट्रेशन ऑफ चाइना के दफ्तर में बुलाया। उन्हें अपने फ्लैटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया...

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Chinese government order to end the Tencent exclusive music licensing deal in China
चीन की टेंसेंट कंपनी - फोटो : Agency (File Photo)
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विस्तार
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चीन में एक्सक्लूसिव म्यूजिक लाइसेंसिंग डील खत्म के चीन सरकार के आदेश के साथ अब टेन्सेंट कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। सोमवार को कंपनी के शेयरों के भाव धड़ाम से गिरे। इसके पहले चीन सरकार ने टेक कंपनी अलीबाबा और शिक्षा क्षेत्र की प्राइवेट कंपनियों पर कार्रवाई का एलान किया था। उससे शेयर मार्केट में उन कंपनियों को भी भारी नुकसान हुआ। चीन सरकार ने संगीत लाइसेंसिंग डील पर कार्रवाई एकाधिकार (मोनोपॉली) खत्म करने के अपने अभियान के तहत शुरू की है। टेन्सेंट का चीन में ऑनलाइन म्यूजिक कारोबार में वर्चस्व है। म्यूजिक स्ट्रीमींग राइट्स के लगभग 80 फीसदी बाजार पर उसका कब्जा है। चीन सरकार ने उस पर अनुचित व्यापार व्यवहार का इल्जाम लगाया है। इसके लिए कंपनी पर पांच लाख युआन का जुर्माना भी लगाया गया है। गौरतलब है कि 2016 में टेन्सेंट ने चाइना म्यूजिक कॉरपोरेशन को खरीद लिया था। तब से इस क्षेत्र पर उसका वर्चस्व बन गया।

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चीन सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ कुछ समय पहले जांच शुरू की थी। इसमें उसे दोषी पाया गया। अब उसे आदेश दिया गया है कि 30 दिन के अंदर वह अपने सारे म्यूजिक एक्सक्लूसिव राइट्स को त्याग दे। साथ ही उसे कहा गया है कि आगे से वह वह ऐसा कोई अधिकार नहीं खरीद सकेगी। कंपनी ने कहा है कि वह सरकार के आदेश का पालन करेगी और जो भी शर्तें तय की गई हैं, अब उसके मुताबिक कारोबार करेगी। टेन्सेंट ने चीन के बाजार के लिए वैश्विक कंपनियों- यूनिवर्सल म्यूजिक, सोनी म्यूजिक और वॉर्नर म्यूजिक के साथ एक्सक्लूसिव डील कर रखी हैं।
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टेन्सेंट के खिलाफ चीन सरकार की कार्रवाई खबर आने की वजह से सोमवार को हांगकांग के शेयर बाजार में टेन्सेंट म्यूजिक इंटरटेनमेंट कंपनी के शेयरों के भाव में 6.9 फीसदी की गिरावट आई। टेन्सेंट होल्डिंग्स के शेयरों के भाव 5.7 फीसदी गिरे। पिछले दिनों चीन की टेक कंपनी दीदी और एजुकेशन सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के भाव में आई गिरावट दुनिया भर में सुर्खियां बनी थीं। दीदी पर कार्रवाई इस आरोप में हुई कि वह यूजर्स के निजी डेटा को गैर-कानूनी ढंग से स्टोर करती है। 30 जून के बाद से न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में दीदी के शेयरों के भाव में 40 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

पिछले हफ्ते चीन में इंटरनेट की निगरानी करने वाली संस्था ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स को निर्देश दिया था कि वे बच्चों के लिए अनुचित कंटेंट हटा दें। इसके लिए अधिकारियों ने कुआईशाउ, टेन्सेंट के मैसेंजिंग एप क्यूक्यू, अलीबाबा ताओबाओ, वियेबो आदि को साइबर स्पेस एडमिन्स्ट्रेशन ऑफ चाइना के दफ्तर में बुलाया। उन्हें अपने फ्लैटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया।

पर्येवेक्षकों का कहना है कि चीन सरकार ने शक्तिशाली टेक कंपनियों की ताकत घटाने की मुहिम छेड़ी हुई है। वह ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर चैटिंग और मनोरंजन तक के क्षेत्र में कारबार करने वाली कंपनियों पर चाबुक चला रही है। इसके साथ ही अब ऐसा नियम बनाया जा रहा है, जिसके तहत अधिकारी किसी चीनी कंपनी को विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में खुद को लिस्ट कराने से रोक देंगे। बताया जाता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इंटरनेट कारोबार के बारे में खास मॉडल विकसित करने के प्रयास में जुटे हैं। इसका मकसद टेक कंपनियों के पास जमा धन को उन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए मजबूर करना है, जो सरकार की प्राथमिकता है।

इस दिशा में चीन सरकार को सफलता भी मिली है। टेन्सेंट ने बीते मई में कहा था कि वह अपने मुनाफे के एक हिस्से का निवेश इस साल क्लाउड कंप्यूटिंग, गेम्स और वीडियो कंटेंट तैयार करने में करेगी। उसके बाद अलीबाबा और मेइतुआन ने भी ऐसे निवेश का इरादा जताया। कुछ कंपनियों ने शिक्षा, ग्रामीण विकास, और ग्रीन एनर्जी में निवेश की घोषणा की है। ये सारे क्षेत्र शी जिनपिंग सरकार की प्राथमिकता बताए जाते हैँ।

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