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Russia: 'पुतिन सरकार के तख्तापलट का इरादा नहीं था', ऑडियो जारी कर वैगनर समूह के प्रमुख ने बताई विद्रोह की वजह
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 26 Jun 2023 11:04 PM IST
सार
Russia: येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा कि जिस तरह से वह बिना रक्तपात के दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जा करने और मॉस्को से 200 किलोमीटर के भीतर एक सशस्त्र काफिला भेजने में सफल रहे हैं, वह उनके लड़ाकों की ताकत का प्रमाण है।
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वैगनर ग्रुप ने रूसी शहर पर किया कब्जा
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने सोमवार को कहा कि उसके बल का एक दिन का विद्रोह करने का उद्देश्य रूस की सरकार को उखाड़ फेंकना नहीं था, बल्कि यूक्रेन में युद्ध के अप्रभावी संचालन पर विरोध दर्ज कराना था।
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शनिवार देर रात विद्रोह खत्म करने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में प्रिगोजिन ने अपने ने अपने इस दावे को दोहराया कि वैगनर रूस और यहां तक कि दुनिय में सबसे प्रभावी लड़ाकू बल है, और इसने उन इकाइयों को शर्मिंदा किया है जो मॉस्को ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में भेजी थीं।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से वह बिना रक्तपात के दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जा करने और मॉस्को से 200 किलोमीटर के भीतर एक सशस्त्र काफिला भेजने में सफल रहे हैं, वह उनके लड़ाकों की प्रभावशीलता का प्रमाण है। टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर जारी 11 मिनट के ऑडियो संदेश में उन्होंने कहा, हमने एक मास्टर क्लास दिखाई है, जैसा कि 24 फरवरी, 2022 को होना चाहिए था। हमारा लक्ष्य मौजूदा शासन और कानूनी रूप से निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य नहीं था।
प्रिगोझिन ने एक बार फिर आरोप लगाया कि रूसी सेना ने वैगनर शिविर पर मिसाइलों और हेलीकॉप्टरों से हमला किया था, जिसमें उसके लगभग 30 लड़ाके मारे गए थे। उन्होंने अपने शनिवार के दावे को दोहराते हुए कहा कि वैगनर ने अपने लड़ाकों को फिलहाल मॉस्को जाने से रोक दिया है, क्योंकि उसे एहसास हुआ है कि उसे इंतजार कर रहे रूसी सैनिकों का सामना करना होगा। इससे निश्चित रूप से खूनखराबा होता।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्व करीबी सहयोगी प्रिगोझिन ने जोर देकर कहा कि वैगनर ने अपने उत्तर की ओर मार्च के दौरान जमीन पर खून की एक बूंद भी नहीं गिराई है। हालांकि, उन्होंने अफसोस जताया कि उनके लड़ाकों को उन रूसी सैनिकों को मारना पड़ा था जिन्होंने हेलीकॉप्टरों से उनके काफिले पर हमला किया था।
उन्होंने एक सैन्य आदेश को लेकर भी चिंता जताई जिसपर वैगनर सहित सभी स्वयंसेवी इकाइयों को 1 जुलाई तक हस्ताक्षर करना है, जिससे वे खुद को रूस के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में रख सकें। वैगनर के दो फीसदी से भी कम लड़ाकों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, इस वीडियो संदेश में प्रिगोजिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के द्वारा किए मध्यस्थता समझौते से जुड़े मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की है। इसी समझौते के कारण वैगनर समूह का विद्रोह समाप्त हुआ है।
इससे पहले क्रेमलिन ने शनिवार को कहा कि इस समझौते में प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक मामला वापस लेना और उनका बेलारूस जाना शामिल है। प्रिगोझिन को आखिरी बार शनिवार शाम को रोस्तोव-ऑन-डॉन से बाहर एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन में सार्वजनिक रूप से जाते हुए देखा गया था।