Piyush Goyal: उभरते उद्यमियों को मिलेगा सहारा, पीयूष गोयल ने लॉन्च किया स्टार्टअप इंडिया डेस्क
पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इंडिया डेस्क की स्थापना की घोषणा की। ये डेस्क उभरते उद्यमियों के लिए एक हेल्पलाइन के रूप में काम करेगा। साथ ही गोयल ने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ दूसरे फंड ऑफ फंड्स (FFS) को मंजूरी देने की जानकारी दी।
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शनिवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप इंडिया डेस्क की स्थापना की घोषणा की। ये डेस्क उभरते उद्यमियों के लिए एक हेल्पलाइन के रूप में काम करेगा। यह डेस्क पूरे भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में एक चार अंकों के टोल-फ्री नंबर के माध्यम से स्टार्टअप्स को मदद पहुंचाएगा। इसके साथ ही उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ दूसरे फंड ऑफ फंड्स (FFS) को मंजूरी देने की जानकारी दी।
एसआईडीबीआई को दिए जाएंगे 2000 करोड़
पीयूष गोयल ने अपने बयान में आगे कहा कि इस साल, पहले चरण में 2,000 करोड़ रुपये एसआईडीबीआई को दिए जाएंगे। इस फंड का मुख्य उद्देश्य छोटे स्टार्टअप्स की सीड फंडिंग और गहरे तकनीकी नवाचार (डीप-टेक) वाले स्टार्टअप्स को समर्थन देना है।
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फंड से इन क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा
मामले में गोयल ने कहा कि इस फंड से एआई, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, प्रिसीजन मैन्युफैक्चरिंग और बायोटेक जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही, स्टार्टअप इंडिया डेस्क उद्यमियों को अपनी समस्याओं का समाधान सुझाने और स्टार्टअप इकोसिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
उभरते उद्यमियों को मिलेगी वित्तीय सहायता
पीयूष गोयल ने इस फंड के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य उभरते उद्यमियों को शुरुआती चरण में वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह फंड खास तौर पर उन स्टार्टअप्स के लिए होगा जो उच्च तकनीकी क्षेत्रों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, प्रिसिज़न मैन्युफैक्चरिंग, बायोटेक और सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में काम कर रहे हैं।
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इसके साथ ही इन क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप्स को अक्सर उच्च पूंजी और लंबे समय तक निवेश की आवश्यकता होती है, जो एक बड़ी चुनौती बन सकती है। साथ ही गोयल ने सिडबी से यह भी अनुरोध किया कि वह प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सहायता केंद्र स्थापित करे, ताकि शुरुआती चरण के उद्यमियों को बुनियादी ढांचा और साझा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।