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Pakistan: ‘खुली अदालत में हो सुनवाई’, पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी ने की अपील; दंगों में शामिल होने का है आरोप
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: मिथिलेश नौटियाल
Updated Tue, 23 Jul 2024 03:53 PM IST
सार
शाह महमूद कुरैशी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं। बता दें कि पीटीआई के संस्थापक इमरान खान पहले से ही जेल की सजा काट रहे हैं। बीते वर्ष नौ मई को इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था।
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पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
- फोटो : ANI
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विस्तार
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अदालत से अनुमति मांगी है कि उनके मामले में सुनवाई खुली अदालत में की जाए। आपको बता दें कि शाह महमूद पर बीते वर्ष नौ मई को हुए दंगों में शामिल होने का आरोप है। कुरैशी ने अदालत से कहा है कि इस मामले की सुनवाई जेल में नहीं बल्कि खुली अदालत में होनी चाहिए।
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पीटीआई के वरिष्ठ नेता हैं शाह महमूद कुरैशी
आपको बता दें कि शाह महमूद कुरैशी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं। बता दें कि पीटीआई के संस्थापक इमरान खान पहले से ही जेल की सजा काट रहे हैं। बीते वर्ष नौ मई को इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान में दंगे भड़क गए थे और इस दौरान शादमान पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया था। आरोप है कि पुलिस स्टेशन में हमला कराने के पीछे शाह महमूद कुरैशी का हाथ था। उधर, कुरैशी ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
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कोट लखपत जेल में हुई सुनवाई
पिछले सप्ताह कुरैशी को अदियाला जेल से लाहौर की कोट लखपत जेल लाया गया था। इसके बाद उन्हें सोमवार को आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया था। यह सुनवाई कोट लखपत जेल में ही हुई थी। इस दौरान न्यायाधीश खालिद अरशद ने कुरैशी के वकीलों को निर्देश दिए कि शादमान पुलिस स्टेशन में हुए हमले को लेकर अभियोजन पक्ष के गवाहों से से पूछताछ की जाए। आपको बता दें कि अभियोजन पक्ष के गवाहों में अधिकतर पुलिस कर्मी ही हैं।
खुली अदालत में हो सुनवाई- कुरैशी
सुनवाई के दौरान शाह महमूद कुरैशी ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होनी चाहिए। इस दौरान कुरैशी ने अपने मौलिक अधिकारों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘जनता को जानना चाहिए कि मेरे और अन्य आरोपियों के खिलाफ नौ मई को झूठे मामले दर्ज किए गए थे।’ इस दौरान न्यायाधीश ने कहा कि अगर कुरैशी लिखित में अनुरोध करते हैं तो तब इस बारे में सोचा जाएगा। अदालत में इस मामले की सुनवाई अब 25 जुलाई को होगी।