Britain: ब्रिटेन में पूर्व PM कैमरन विदेश मंत्री क्यों बने, सुनक के फैसले का हमास-इस्राइल लड़ाई से क्या संबंध?
निरंतर एक्सेस के लिए सब्सक्राइब करें
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ सब्सक्राइब्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं


विस्तार
हमास-इस्राइल के बीच जारी युद्ध ने न केवल गाजा, वेस्ट बैंक, इस्राइल और फलस्तीन को प्रभावित किया है, बल्कि इसका असर दुनिया के कई देशों की राजनीति में देखा जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा उदाहरण ब्रिटेन है, जहां गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। ऋषि सुनक की सरकार में हुए फेरबदल में पूर्व प्रधानमंत्री को डेविड कैमरन को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है।
ऐसे में सवाल उठते हैं कि इस्राइल-हमास युद्ध को लेकर ब्रिटेन में क्या हो रहा है? सुनक ने गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन क्यों बर्खास्त किया? पूर्व पीएम कैमरन को विदेश मंत्री क्यों बनाया गया? आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब...
पहले जानते हैं इस्राइल-हमास युद्ध को लेकर ब्रिटेन में क्या हो रहा है?
सोमवार को ब्रिटेन की राजनीति में बहुत कुछ बदलते देखा गया। दरअसल, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया। ब्रिटेन की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी की दक्षिणपंथी तेजतर्रार नेता की जगह विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि 43 वर्षीय सुएला पिछली बोरिस जॉनसन की सरकार में अटॉर्नी जनरल थीं। अप्रैल 1980 में लंदन में जन्मीं कंजर्वेटिव नेता हिंदू-तमिल परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

...तो सुएला की कुर्सी क्यों गई?
पिछले हफ्ते फलस्तीन के समर्थन में एक रैली निकाली गई थी, जिसमें भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। इसके बाद सुनक कैबिनेट के कई मंत्रियों और पार्टी सदस्यों ने बतौर गृह मंत्री सुएला से जवाब मांगने शुरू कर दिए। हालांकि, सुएला ने पुलिस पर हमलों को लेकर पुलिस की ही नाकामी बता दिया। यहीं से बात बिगड़ गई।
इस मामले को लेकर सुनक पर उनकी कंजर्वेटिव पार्टी का दवाब आया और साथ ही विपक्ष के हमले भी उनकी परेशानी बढ़ा रहे थे। जब मंत्री के बयान को लेकर सुनक सरकार घिरने लगी तो सुएला ने सफाई भी दी। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान खुले तौर पर प्रयोग किए गए भड़काऊ भाषण ठीक नहीं है। यह गलत संदेश देते हैं। यहूदी विरोधी भावना के साथ आतंकवाद को इतने बड़े पैमाने पर महत्व देना बेहद परेशान करने वाला है। हालांकि, जब तक सुएला की सफाई आई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

सुनक ने विदेश मंत्री के पद में फेरबदल क्यों किया?
अंग्रेजी में एक कहावत कही जाती है 'ब्लेसिंग इन डिस्गाइज' यानी किसी का बुरा किसी के लिए भला साबित हो जाता है। ऐसा ही कुछ ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ हुआ। दरअसल, सुनक ने पहले तो सुएला की जगह तत्कालीन विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली को गृह मंत्री बनाया। इसके बाद खाली हुई विदेश मंत्री की कुर्सी का जिम्मा डेविड कैमरन को सौंपा दिया गया। पूर्व पीएम को ब्रिटेन सरकार में विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।

तो पूर्व पीएम कैमरन को विदेश मंत्री क्यों बनाया गया?
ब्रिटेन की राजनीति को समझने वालों को कैमरन की कैबिनेट में वापसी चौंकाने वाली लगती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह केवल दूसरी बार है, जब कोई पूर्व प्रधानमंत्री कैबिनेट में वापस लौटा है। ब्रिटेन की राजनीति में कैमरन को ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने 2016 के इन-आउट ब्रेक्सिट जनमत संग्रह का आह्वान किया था। कैमरन कंजर्वेटिव पार्टी के केंद्र से थे और यूरोपीय संघ में बने रहने के अभियान का नेतृत्व किया था। ब्रिटेन के बाद में यूरोपीय संघ छोड़ने के चौंकाने वाले फैसले के कारण कैमरन को इस्तीफा देना पड़ा।
सुनक के पूर्व पीएम कैमरन को विदेश मंत्री बनाए जाने के फैसले को विश्लेषक अलग-अलग तरह से देखते हैं। कुछ का मानना है कि सरकार के शीर्ष पर उनके छह साल निस्संदेह सुनक सरकार के लिए एक संपत्ति साबित होंगे, ऐसे समय में जब सरकार मध्य पूर्व और यूक्रेन में विदेशी संकट से घिरी हुई है।
विदेश मंत्री के रूप में कैमरन के पास रूस-यूक्रेन युद्ध और हमास-इस्राइल की लड़ाई सहित भारी कार्यभार होंगे। इसके अलावा वह ब्रिटेन के सहायता बजट के प्रभारी भी होंगे।
एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि कैमरन की नियुक्ति एक साहसिक नियुक्ति है। कैमरन एक स्थापित वैश्विक नेता हैं और विश्व मंच पर तुरंत उनकी विश्वसनीयता होगी। राजनयिक ने कहा, 'इसका मतलब है अच्छी पहुंच और उसे गंभीरता से लिया जाएगा। उनके एक सहयोगी के मुताबिक, कैमरन ने दोस्तों से कहा है कि वह इस भूमिका को लेकर भयभीत, लेकिन उत्साहित हैं।