{"_id":"690295a88099ea1d3a0bc8bb","slug":"us-south-korea-ties-350-billion-usd-for-reducing-tariffs-trump-approves-nuclear-powered-submarine-know-details-2025-10-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"US-SK Ties: टैरिफ घटाने के लिए 350 अरब डॉलर देगा दक्षिण कोरिया; परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बी को ट्रंप की मंजूरी","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
US-SK Ties: टैरिफ घटाने के लिए 350 अरब डॉलर देगा दक्षिण कोरिया; परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बी को ट्रंप की मंजूरी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सियोल (दक्षिण कोरिया)।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Thu, 30 Oct 2025 04:01 AM IST
विज्ञापन
सार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि टैरिफ घटाने के लिए दक्षिण कोरिया उनके देश को 350 अरब डॉलर देने पर राजी हो गया है। इसके अलावा ट्रंप ने परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बी की तकनीक साझा करने को भी मंजूरी दे दी है। इस फैसले को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम माना जा रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग- पेंटागन ने फिलहाल ट्रंप की इस घोषणा पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। जानिए क्या है पूरा मामला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया के साथ परमाणु-संचालित पनडुब्बी (nuclear-powered submarine) बनाने की तकनीक साझा करेगा। गुरुवार को कोरिया में अहम बैठक के बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया- ट्रुथ सोशल पर इसका एलान किया। परमाणु-संचालित पनडुब्बी को लेकर ट्रंप ने कहा, अमेरिका अपनी अत्यंत संवेदनशील और गुप्त तकनीक साझा करेगा, जो अब तक केवल उसके निकटतम सहयोगियों के साथ सीमित स्तर पर साझा की गई है। उन्होंने कहा, 'दक्षिण कोरिया अपनी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी अमेरिका के फिलाडेल्फिया शिपयार्ड में बनाएगा। हमारे देश में जहाज निर्माण क्षे्त्र में जल्द ही बड़ी वापसी करेगा।'
ट्रंप और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यंग की बैठक के बाद हुई पनडुब्बी की घोषणा के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि टैरिफ घटाने के लिए कोरिया ने 350 अरब डॉलर का भुगतान करने की बात कही है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'दक्षिण कोरिया ने अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ़ को कम करने के लिए अमेरिका को 350 अरब डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है। इसके अतिरिक्त, वे भारी मात्रा में हमारा तेल और गैस खरीदने पर भी सहमत हुए हैं।'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'धनी दक्षिण कोरियाई कंपनियों और व्यापारियों की तरफ से अमेरिका में 600 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हमारा सैन्य गठबंधन पहले से कहीं अधिक मज़बूत है और इसी आधार पर, मैंने उन्हें पुराने जमाने की, कम चुस्त, डीजल से चलने वाली पनडुब्बियों के बजाय, एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है।' उन्होंने दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति को महान बताते हुए अपनी यात्रा को शानदार बताया।
इससे पहले राष्ट्रपति ली जे म्यंग ने ट्रंप के साथ बैठक में कहा, उनका मकसद अमेरिका के साथ गठबंधन को आधुनिक बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण कोरिया रक्षा खर्च बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि अमेरिका पर वित्तीय बोझ कम हो सके। ली ने साफ किया कि पिछले अगस्त में हुई बातचीत के दौरान एक गलतफहमी हुई थी, लेकिन अब स्पष्ट है कि दक्षिण कोरिया परमाणु हथियार नहीं, बल्कि पनडुब्बियों के लिए परमाणु ईंधन चाहता है।
ली ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया के पास परमाणु-संचालित पनडुब्बियां होंगी, तो यह अमेरिका की क्षेत्रीय गतिविधियों में भी मददगार साबित होगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की परमाणु पनडुब्बी तकनीक विश्व की सबसे गोपनीय सैन्य तकनीकों में से एक है। यहां तक कि ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए AUKUS समझौते में भी अमेरिका ने प्रत्यक्ष रूप से अपनी तकनीकी जानकारी साझा नहीं की थी।
खास बात ये है कि ट्रंप ने परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से जुड़ी घोषणा ऐसे समय में की है जब वे कोरिया में ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। चीन के पास पहले से ही परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हैं। दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपनी पहली परमाणु पनडुब्बी के निर्माण का खुलासा किया था। इससे दक्षिण कोरिया और अमेरिका के लिए सुरक्षा खतरा बढ़ गया है। ट्रंप की दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान ही उत्तर कोरिया ने नए क्रूज मिसाइल परीक्षणों की घोषणा भी की।
ट्रंप और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यंग की बैठक के बाद हुई पनडुब्बी की घोषणा के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि टैरिफ घटाने के लिए कोरिया ने 350 अरब डॉलर का भुगतान करने की बात कही है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'दक्षिण कोरिया ने अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ़ को कम करने के लिए अमेरिका को 350 अरब डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है। इसके अतिरिक्त, वे भारी मात्रा में हमारा तेल और गैस खरीदने पर भी सहमत हुए हैं।'
विज्ञापन
विज्ञापन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'धनी दक्षिण कोरियाई कंपनियों और व्यापारियों की तरफ से अमेरिका में 600 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हमारा सैन्य गठबंधन पहले से कहीं अधिक मज़बूत है और इसी आधार पर, मैंने उन्हें पुराने जमाने की, कम चुस्त, डीजल से चलने वाली पनडुब्बियों के बजाय, एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है।' उन्होंने दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति को महान बताते हुए अपनी यात्रा को शानदार बताया।
इससे पहले राष्ट्रपति ली जे म्यंग ने ट्रंप के साथ बैठक में कहा, उनका मकसद अमेरिका के साथ गठबंधन को आधुनिक बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण कोरिया रक्षा खर्च बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि अमेरिका पर वित्तीय बोझ कम हो सके। ली ने साफ किया कि पिछले अगस्त में हुई बातचीत के दौरान एक गलतफहमी हुई थी, लेकिन अब स्पष्ट है कि दक्षिण कोरिया परमाणु हथियार नहीं, बल्कि पनडुब्बियों के लिए परमाणु ईंधन चाहता है।
ली ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया के पास परमाणु-संचालित पनडुब्बियां होंगी, तो यह अमेरिका की क्षेत्रीय गतिविधियों में भी मददगार साबित होगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की परमाणु पनडुब्बी तकनीक विश्व की सबसे गोपनीय सैन्य तकनीकों में से एक है। यहां तक कि ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए AUKUS समझौते में भी अमेरिका ने प्रत्यक्ष रूप से अपनी तकनीकी जानकारी साझा नहीं की थी।
खास बात ये है कि ट्रंप ने परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से जुड़ी घोषणा ऐसे समय में की है जब वे कोरिया में ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। चीन के पास पहले से ही परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हैं। दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपनी पहली परमाणु पनडुब्बी के निर्माण का खुलासा किया था। इससे दक्षिण कोरिया और अमेरिका के लिए सुरक्षा खतरा बढ़ गया है। ट्रंप की दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान ही उत्तर कोरिया ने नए क्रूज मिसाइल परीक्षणों की घोषणा भी की।