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West Bank: युद्ध के बाद से इस्राइल ने वेस्ट बैंक में लगाए करीब 1000 बैरियर, फलस्तीनियों की आवाजाही प्रभावित
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सिंजिल (वेस्ट बैंक)।
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 30 Oct 2025 12:19 PM IST
सार
West Bank: हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद इस्राइल ने वेस्ट बैंक के शहरों और कस्बों में करीब एक हजार नए बैरियर खड़े कर दिए हैं, जिससे फलस्तीनियों की आवाजाही और दैनिक जीवन पर असर पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन गेटों की वजह से उनकी जिंदगी ठप पड़ गई है, यात्राएं लंबी हो गई हैं, कारोबार ठहर गया है और कई लोग अब देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
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वेस्ट बैंक (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : एएनआई वाया रॉयटर्स
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विस्तार
हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से इस्राइल ने वेस्ट बैंक के शहरों और कस्बों में करीब एक हजार अवरोधक (बैरियर) खड़े कर दिए हैं। इसने फलस्तीनियों की आवाजाही और रोजमर्रा की जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है। स्थानीय सरकारी निकाय ने बताया। एक स्थानीय सरकारी निकाय ने यह जानकारी दी।
इस्राइली सेना ने 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध के बाद से वेस्ट बैंक में लोगों की आवाजाही और पहुंच पर नियंत्रण लगाया हुआ था। लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि हाल में लगाए गए नए अवरोधकों की संख्या पहली बार इतनी ज्यादा है। फलस्तीनी सरकारी संस्था 'वॉल एंड सेटलमेंट रेसिस्टेंस कमीशन' के अनुसार, सात अक्तूबर 2023 को हमास के नेतृत्व वाले हमले के बाद से 916 गेट, बैरियर और दीवारें बनाई गई हैं।
ये भी पढ़ें: सदी के ताकतवर तूफान 'मेलिसा' ने मचाई भारी तबाही; क्यूबा में 30 की मौत, जमैका में राहत शिविरों में 25000 लोग
वेस्ट बैंक में इस्राइली सेना की छापेमारी बढ़ गई है, जिनमें कई फलस्तीनी मारे गए या गिरफ्तार किए गए। इस्राइल कहता है कि उसका मकसद चरमपंथ को खत्म करना है। नए बैरियर में धातु के गेट शामिल हैं, जो कई गांवों और शहरों के प्रवेश द्वाकर पर और शहरों के बीच लगाए गए हैं। ये गेट लोगों की आवाजाही को रोकते हैं। कभी-कभी इन गेटों पर इस्राइली सेना भी तैनात रहती है।
सितंबर के पहले दो हफ्तों में 18 नए गेट लगाए गए: संयुक्त राष्ट्र
फलस्तीनियों का कहना है कि ये गेट असमय खुलते और बंद होते हैं। कुछ गेट तो कई दिनों तक बंद रहते हैं। लोग कभी-कभी दोस्तों या रिश्तेदारों के घर सोने चले जाते हैं या पैदल गेट के चारों ओर घूमकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि सितंबर के पहले दो हफ्तों में वेस्ट बैंक में 18 नए गेट लगाए गए। इसके अलावा बड़े मिट्टी के ढेर और कंक्रीट के बैरियर भी हैं, जो फलस्तीनियों की आवाजाही और स्वास्थ्य व शिक्षा तक पहुंच को रोकते हैं। ये बैरियर सड़कों के बीच में लगाई गई हैं, जिससे कारें इनके चारों ओर नहीं जा पातीं।
नए गेटों में से कुछ उत्तरी और दक्षिणी वेस्ट बैंक को जोड़ने वाली सड़कों को भी बंद कर देते हैं, जिससे यहां के तीस लाख फलस्तीनियों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। अब वह यात्रा जो पहले 20 मिनट में पूरी होती थी, वह अब एक घंटे से अधिक समय ले रही है।
ये भी पढ़ें: 'बिल गेट्स ने आखिर मान लिया कि वह गलत थे...', जलवायु संकट को लेकर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
लोगों की गतिविधियों की निगरानी के लिए लगाए गए हैं गेट: इस्राइली सेना
इस्राइली सेना कहती है कि ये गेट लोगों को रोकने के लिए नहीं हैं, बल्कि लोगों की गतिविधियों को नियंत्रण और निगरानी में रखने के लिए हैं। नाम न बताने की शर्त पर एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि उनके बल वेस्ट बैंक में एक जटिल सुरक्षा स्थिति के तहत काम कर रहे हैं, जहां चरमपंथी आम लोगों के बीच छिप जाते हैं और इसलिए वहां विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निगरानी के प्रयास किए जा रहे हैं।
'लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक असर डाल रहे बैरियर'
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ गेटों पर कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कि ये बैरियर उनकी जिंदगी पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। दीर डिबवान गांव के एज्जेदिन अल-सैयूरी ने कहा, मौजूदा हालात में सब कुछ बंद हो गया है। सब कुछ रुक गया है। गेटों की वजह से लोग उनके जिम नहीं आ पा रहे हैं और वे अब यह व्यवसाय बंद करने और देश छोड़ने का विचार कर रहे हैं।
इस्राइली सेना ने 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध के बाद से वेस्ट बैंक में लोगों की आवाजाही और पहुंच पर नियंत्रण लगाया हुआ था। लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि हाल में लगाए गए नए अवरोधकों की संख्या पहली बार इतनी ज्यादा है। फलस्तीनी सरकारी संस्था 'वॉल एंड सेटलमेंट रेसिस्टेंस कमीशन' के अनुसार, सात अक्तूबर 2023 को हमास के नेतृत्व वाले हमले के बाद से 916 गेट, बैरियर और दीवारें बनाई गई हैं।
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वेस्ट बैंक में इस्राइली सेना की छापेमारी बढ़ गई है, जिनमें कई फलस्तीनी मारे गए या गिरफ्तार किए गए। इस्राइल कहता है कि उसका मकसद चरमपंथ को खत्म करना है। नए बैरियर में धातु के गेट शामिल हैं, जो कई गांवों और शहरों के प्रवेश द्वाकर पर और शहरों के बीच लगाए गए हैं। ये गेट लोगों की आवाजाही को रोकते हैं। कभी-कभी इन गेटों पर इस्राइली सेना भी तैनात रहती है।
सितंबर के पहले दो हफ्तों में 18 नए गेट लगाए गए: संयुक्त राष्ट्र
फलस्तीनियों का कहना है कि ये गेट असमय खुलते और बंद होते हैं। कुछ गेट तो कई दिनों तक बंद रहते हैं। लोग कभी-कभी दोस्तों या रिश्तेदारों के घर सोने चले जाते हैं या पैदल गेट के चारों ओर घूमकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि सितंबर के पहले दो हफ्तों में वेस्ट बैंक में 18 नए गेट लगाए गए। इसके अलावा बड़े मिट्टी के ढेर और कंक्रीट के बैरियर भी हैं, जो फलस्तीनियों की आवाजाही और स्वास्थ्य व शिक्षा तक पहुंच को रोकते हैं। ये बैरियर सड़कों के बीच में लगाई गई हैं, जिससे कारें इनके चारों ओर नहीं जा पातीं।
नए गेटों में से कुछ उत्तरी और दक्षिणी वेस्ट बैंक को जोड़ने वाली सड़कों को भी बंद कर देते हैं, जिससे यहां के तीस लाख फलस्तीनियों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। अब वह यात्रा जो पहले 20 मिनट में पूरी होती थी, वह अब एक घंटे से अधिक समय ले रही है।
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लोगों की गतिविधियों की निगरानी के लिए लगाए गए हैं गेट: इस्राइली सेना
इस्राइली सेना कहती है कि ये गेट लोगों को रोकने के लिए नहीं हैं, बल्कि लोगों की गतिविधियों को नियंत्रण और निगरानी में रखने के लिए हैं। नाम न बताने की शर्त पर एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि उनके बल वेस्ट बैंक में एक जटिल सुरक्षा स्थिति के तहत काम कर रहे हैं, जहां चरमपंथी आम लोगों के बीच छिप जाते हैं और इसलिए वहां विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निगरानी के प्रयास किए जा रहे हैं।
'लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक असर डाल रहे बैरियर'
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ गेटों पर कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कि ये बैरियर उनकी जिंदगी पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। दीर डिबवान गांव के एज्जेदिन अल-सैयूरी ने कहा, मौजूदा हालात में सब कुछ बंद हो गया है। सब कुछ रुक गया है। गेटों की वजह से लोग उनके जिम नहीं आ पा रहे हैं और वे अब यह व्यवसाय बंद करने और देश छोड़ने का विचार कर रहे हैं।
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