World News: PAK में छह सैनिकों की हत्या; नीदरलैंड आम चुनाव में मतदान समाप्त, दोनों खेमों के बीच कड़ा मुकाबला
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बुधवार को सुरक्षा बलों के काफिले पर हुए आईईडी हमले में एक कैप्टन समेत छह सैनिक मारे गए। सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर के अनुसार, यह हमला अफगानिस्तान सीमा से सटे कुर्रम जिले के सुल्तानी क्षेत्र में हुआ। आतंकवादियों ने काफिले पर गोलीबारी की, जिसके बाद गोलीबारी के दौरान डोगर के पास आईईडी विस्फोट हुआ, जिससे भारी जनहानि हुई। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में सात आतंकवादी मारे गए। हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में, जहां पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा रहा है। यह बढ़ोतरी 2022 में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा सरकार के साथ युद्धविराम तोड़ने के बाद देखी जा रही है। रविवार को भी सुरक्षा बलों ने अफगानिस्तान से दो घुसपैठ की कोशिशें नाकाम की थीं, जिसमें 25 आतंकवादी मारे गए।
यूरोपीय देश नीदरलैंड्स के आम चुनाव में मतदान समाप्त हो चुके हैं। वोटिंग के बाद बुधवार को जारी एग्जिट पोल के नतीजों से मिले संकेत के मुताबिक दोनों खेमों के बीच बेहद कड़ा मुकाबला हो रहा है। देश के इस संसदीय चुनाव में 150 सीटों पर मुकाबला हो रहा है। इसमें 27 पार्टियों के कुल 1,166 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। सेंटर-लेफ्ट पार्टी डी66 को बढ़त मिलने के आसार हैं। दक्षिणपंथी और इस्लाम-विरोधी रुख रखने वाले गीर्ट विल्डर्स की पार्टी- पार्टी फॉर फ्रीडम दूसरे स्थान पर बताई जा रही है। देश के राष्ट्रीय प्रसारक- एनओएस की तरफ से जारी एग्जिट पोल के अनुसार, डी66 को 27 सीटें मिलने का अनुमान है। यानी 2023 के मुकाबले पार्टी के खाते में 18 सीटें अधिक आ सकती हैं। विल्डर्स की पार्टी को 12 सीटों का नुकसान होने की आशंका है। हालांकि, इस स्थिति में भी उसकी झोली में 25 सीटें आने की संभावना है। ये अनुमान 65 मतदान केंद्रों और लगभग 80,000 मतदाताओं के बीच सर्वेक्षण पर आधारित है। गौरतलब है कि 2023 के चुनाव में विल्डर्स की पार्टी ने 150 सदस्यीय प्रतिनिधि सदन में 37 सीटें जीतकर बड़ी सफलता हासिल की थी। बाद में गठबंधन सरकार गिरने के बाद उसका जनसमर्थन घटा। इस बार के चुनाव अभियान में प्रवासन नियंत्रण और किफायती आवास जैसी चिंताएं प्रमुख रहीं। नीदरलैंड्स में सरकार गठबंधन के सहारे गठित होना सामान्य माना जाता है। हालांकि, इस बार मुख्यधारा की पार्टियों ने संकेत दिया है कि वे विल्डर्स के साथ दोबारा गठबंधन करने में रुचि नहीं रखतीं। वहीं, सेंटर-लेफ्ट पार्टी के एक नेता फ्रांस टिम्मरमैन्स ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी दक्षिणपंथी सरकार बनने से रोकने में सफल रहेगी।
अमेरिका में एच-1बी वीजा का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। ताजा घटनाक्रम में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने कहा है कि उनके राज्य में जितने भी विश्वविद्यालय हैं, वे अपने पदों पर नौकरियों के लिए अमेरिकियों को नियुक्त करें। गवर्नर के फरमान के मुताबिक कार्य वीजा पर विदेशी श्रमिकों को नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा, 'देश भर के विश्वविद्यालय नौकरी करने के लिए उपलब्ध योग्य अमेरिकियों को नियुक्त करने के बजाय एच-1बी वीजा पर विदेशी श्रमिकों को आयात कर रहे हैं। हम फ्लोरिडा के संस्थानों में एच-1बी वीजा का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसीलिए मैंने फ्लोरिडा बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को इस प्रथा को समाप्त करने का निर्देश दिया है।'
पोर्टलैंड में नेशनल गार्ड तैनाती मामला: ट्रंप के आदेश पर विवाद, संघीय मुकदमे की सुनवाई शुरू
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओरेगन के पोर्टलैंड में नेशनल गार्ड की तैनाती का फरमान सुनाया है। इस आदेश के अधिकार को लेकर एक संघीय मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायाधीश करिन इमर्गट की कोर्ट में हो रही है। सुनवाई की शुरुआत में पुलिस कमांडर फ्रांज शोएनिंग ने बताया कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) भवन पर तैनात संघीय एजेंटों ने बार-बार अहिंसक प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़े। उन्होंने कहा कि संघीय अधिकारियों की कार्रवाई “चौंकाने वाली” थी और राज्य तथा संघीय कानून इस तरह म्यूनिशन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देते। शोएनिंग ने बताया कि शहर के पुलिस अधिकारी भी इस दौरान आंसू गैस से प्रभावित हुए और पीछे हटने को मजबूर हुए। उन्होंने गवाही में कहा कि 18 अक्टूबर के प्रदर्शन में एक संघीय एजेंट द्वारा छोड़ा गया गैस गोला इमारत की छत पर जा गिरा, जिससे अन्य एजेंटों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी, जबकि भीड़ में हिंसा के कोई संकेत नहीं थे। गौरतलब है कि जिला जज करिन इमर्गट ने पहले दो बार अस्थायी आदेश जारी कर ट्रंप को सैनिक भेजने से रोक दिया था। उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रपति ने घरेलू सैन्य तैनाती की शर्तें पूरी नहीं कीं। अब नौवें सर्किट कोर्ट की 11-सदस्यीय पीठ इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगी। यह भी रोचक है कि डेमोक्रेट खेमे के दबदबे वाले शहर- शिकागो ने भी ट्रंप की इस नीति का विरोध किया है।
रूस ने अपने अत्याधुनिक परमाणु-सक्षम ड्रोन पोसीडॉन (Poseidon) का सफल परीक्षण किया है। इस अंडर वाटर ड्रोन के परीक्षण की घोषणा खुदद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। बुधवार को मॉस्को के एक सैन्य अस्पताल में पुतिन ने कहा, मंगलवार को हुए परीक्षण में पहली बार ड्रोन को पनडुब्बी से इसके बूस्टर इंजन के जरिए लॉन्च किया गया और इसके परमाणु ऊर्जा यूनिट को सक्रिय किया गया। इसकी मदद से ड्रोन को कुछ समय तक ऊर्जा मिलती रही। पुतिन ने इसे 'बहुत बड़ी सफलता' बताया और कहा कि इसकी गति और गहराई के मामले में दुनिया में इसका कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इसे रोकने का कोई तरीका मौजूद नहीं है।
रूसी मीडिया के अनुसार, 2018 में पहली बार प्रदर्शित किया गया पोसीडॉन गहरे समुद्र में चलने वाला मानवरहित ड्रोन / यंत्र है। इसमें परमाणु प्रणोदन प्रणाली लगी है। इस कारण यह लगभग असीमित दूरी तय करने की क्षमता से लैस है। लगभग 20 मीटर लंबा, 100 टन वजनी ड्रोन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है और 1,000 मीटर से अधिक गहराई तक गोता भी लगा सकता है।