युद्धविराम प्रस्ताव पर हमास की सहमति: इस्राइल की मंजूरी का इंतजार; गाजा में मरने वालों की संख्या 62,000 पार
गाजा में 22 महीनों से जारी खूनी संघर्ष के बीच हमास ने सोमवार को अरब देशों द्वारा पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब फैसले की गेंद इस्राइल के पाले में है। हालांकि गाजा के क्षेत्रों में इस्राइल की सख्ती अभी भी कम नहीं हुई है। फलस्वरूप इस संघर्ष में अब तक 62,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं। भुखमरी चरम पर है और हालात दिन-ब-दिन भयावह होते जा रहे हैं।
गाजा में 22 महीनों से जारी खूनी संघर्ष के बीच हमास ने सोमवार को अरब देशों द्वारा पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब फैसले की गेंद इस्राइल के पाले में है। हालांकि गाजा के क्षेत्रों में इस्राइल की सख्ती अभी भी कम नहीं हुई है। फलस्वरूप इस संघर्ष में अब तक 62,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं। भुखमरी चरम पर है और हालात दिन-ब-दिन भयावह होते जा रहे हैं।

विस्तार
इस्राइल और हमास के बीच लगभग 22 महीनों से चल रहा संघर्ष दिन-प्रतिदिन और भयावह होता जा रहा है। इसी बीच मामले में सोमवार को हमास ने एक बड़ा एलान किया है। इसके तहत हमास ने बयान जारी कर कहा कि उसने अरब देशों द्वारा पेश किए गए एक नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए इस्राइल की मंजूरी जरूरी है। सात अक्तूबर 2023 को हमास के गाजा पर हमले के साथ शुरू हुए संघर्ष में गाजा में अब तक 62,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं लाखों लोग बेघर हो चुके है। भुखमरी भी अपने चरम पर है।

बता दें कि इस्राइल ने पिछले महीने जब बातचीत टूट गई थी, तब गाजा सिटी और अन्य घनी आबादी वाले इलाकों को फिर से कब्जे में लेने की योजना बनाई थी। इससे हालात और बिगड़ने की आशंका है, जबकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ पहले ही गाजा को भुखमरी की कगार पर बता चुके हैं। हमास पर दबाव बनाने के लिए की गई सैन्य कार्रवाई की योजना पर दुनिया भर में विरोध हो रहा है। खुद इस्राइल में भी रविवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिनमें बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग की गई।
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इस्राइल का रुख अब भी सख्त
मामले में इस्राइल का रुख अभी भी नरम होने का नाम नहीं ले रहा है। वैश्विक दवाब के बावजूद इस्राइल गाजा में सैन्य कार्रवाई रोकने को तैयार नहीं है। इसको लेकर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक सभी बंधक रिहा नहीं हो जाते। साथ ही और हमास को पूरी तरह से कमजोर नहीं कर दिया जाता। वहीं, हमास ने कहा है कि वह सिर्फ तभी बंधकों को छोड़ेगा जब इस्राइल स्थायी युद्धविराम और अपने सैनिकों की वापसी पर राजी हो।
बातचीत फिर से शुरू कराने की कोशिशें जारी
मामले में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअट्टी ने कहा कि मध्यस्थ देश अमेरिका के 60 दिन के संघर्षविराम प्रस्ताव को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान कुछ बंधकों को छोड़ा जाएगा और एक स्थायी युद्धविराम और बाकी बंधकों की रिहाई पर बातचीत होगी। उन्होंने यह बात राफा क्रॉसिंग पर दी, जो मई 2024 से बंद है जब इस्राइल ने गाजा की सीमा का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। उनके साथ फलस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा भी मौजूद थे।
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वहीं इस युद्धविराम प्रयास करने में अहम भूमिका निभाने वाले मिस्र के अनुसार, कतर के प्रधानमंत्री और हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हया भी बातचीत में शामिल हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि वे ऐसे समझौते के लिए भी तैयार हैं जिसमें सभी बंधकों को एक साथ रिहा किया जा सके। इसके साथ ही हमास के वरिष्ठ नेता बासेम नईम ने बताया कि समूह ने मध्यस्थों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। एक मिस्री अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव पहले वाले इस्राइल द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव से लगभग समान है, लेकिन इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं जैसे कि इस्राइल की सेना की पीछे हटने की शर्तें और युद्धविराम के दौरान स्थायी समाधान की गारंटी।
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