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Pakistan: साइफर मामले में इमरान खान की दायर याचिका खारिज, अभियोग के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट का किया था रुख
वर्ल्ड डेस्क,अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: आदर्श शर्मा
Updated Wed, 25 Oct 2023 08:20 PM IST
सार
पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (साइफर) का खुलासा करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
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इस्लामाबाद हाईकोर्ट
- फोटो : Social Media
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विस्तार
पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका देते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उनकी वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें देश की गुप्त बातें लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में एक विशेष अदालत द्वारा उनके अभियोग को चुनौती दी गई थी।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने 71 वर्षीय इमरान खान की याचिका का निपटारा कर दिया, लेकिन निर्देश दिया कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई प्रदान की जाए।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने अपने वकील सलमान सफदर के जरिए से बुधवार को आईएचसी में याचिका दायर की थी, जिसमें अदालत से आरोप तय करने की जल्दबाजी में की गई कवायद को अवैध घोषित करने का आग्रह किया गया था। याचिका पर गुरुवार को आईएचसी सीजे ने सुनवाई की। इसी मामले में इमरान खान की जमानत अर्जी पर फैसला शुक्रवार को सुनाया जाएगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जमानत अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्या है मामला
पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (साइफर) का खुलासा करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। 71 वर्षीय इमरान खान और उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री 67 वर्षीय शाह महमूद कुरैशी को सोमवार को विशेष अदालत ने खुफिया जानकारी को लीक करने के आरोप में दोषी ठहराया था। जिन्हें अब संभावित मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को इमरान खान और महमूद कुरैशी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जिन्होंने इसकी प्रतियों पर हस्ताक्षर किए।
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डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने 71 वर्षीय इमरान खान की याचिका का निपटारा कर दिया, लेकिन निर्देश दिया कि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई प्रदान की जाए।
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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने अपने वकील सलमान सफदर के जरिए से बुधवार को आईएचसी में याचिका दायर की थी, जिसमें अदालत से आरोप तय करने की जल्दबाजी में की गई कवायद को अवैध घोषित करने का आग्रह किया गया था। याचिका पर गुरुवार को आईएचसी सीजे ने सुनवाई की। इसी मामले में इमरान खान की जमानत अर्जी पर फैसला शुक्रवार को सुनाया जाएगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जमानत अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्या है मामला
पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (साइफर) का खुलासा करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। 71 वर्षीय इमरान खान और उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री 67 वर्षीय शाह महमूद कुरैशी को सोमवार को विशेष अदालत ने खुफिया जानकारी को लीक करने के आरोप में दोषी ठहराया था। जिन्हें अब संभावित मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को इमरान खान और महमूद कुरैशी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जिन्होंने इसकी प्रतियों पर हस्ताक्षर किए।