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Pakistan: नौ मई के दंगों पर इमरान खान का बयान, 'हिंसा के लिए पार्टी का कोई नेता दोषी मिला, तो मांगूंगा माफी'
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 07 Aug 2024 08:48 PM IST
सार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रावलपिंडी के अदियाला जेल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, अगर पिछले साल नौ मई के दंगों के लिए उनकी पार्टी का कोई नेता दोषी पाया गया, तो वो माफी मांगेंगे।
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इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
पाकिस्तान में नौ मई 2023 को हुए दंगों लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ से संस्थापक ने कहा है कि घटना का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि दंगे के पीछे के असली आरोपियों का पता लगाया जा सके। एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर पीटीआई का कोई भी सदस्य 9 मई की घटनाओं में शामिल पाया जाता है तो मैं माफी मांगूंगा, उन्हें पार्टी से निकाल दूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि उन्हें सजा मिले।
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'कानून का उल्लंघन करने के सभी हों जवाबदेह'
हालांकि, इमरान खान ने उसी लहजे में मांग की कि कानून का उल्लंघन करने के लिए सभी को जवाबदेह ठहराया जाए। उन्होंने कहा, मुझे रेंजर्स ने घसीटा, फिर भी ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति के लिए कोई सम्मान नहीं है। क्या मैं भी माफी का हकदार नहीं हूं? इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ है और उनमें से हजारों को जेल में डाल दिया गया है। कई लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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मैं नौ मई की घटना का पीड़ित हूं- इमरान खान
इस दौरान इमरान खान ने कहा, वे नौ मई की घटना के पीड़ित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करते हुए मुख्य न्यायाधीश से भी संपर्क किया और कहा कि उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की गई। उन्होंने दोहराया कि पीटीआई सरकार के साथ बातचीत नहीं करेगी क्योंकि यह आठ फरवरी के चुनावों में धांधली के जरिए सत्ता में आई है। उन्होंने मांग की कि गलती करने वालों से भी माफी मांगी जानी चाहिए।
'इन नेताओं के नाम नो-फ्लाई लिस्ट में डाले जाएं'
वहीं पीटीआई संस्थापक ने नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और शहबाज शरीफ के साथ अपना नाम भी नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की मांग की, ताकि जाहिर तौर पर जवाबदेही का सामना किया जा सके।
पीटीआई ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
वहीं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक विधेयक को चुनौती दी, जिसमें स्वतंत्र सांसदों को एक निश्चित अवधि के बाद किसी पार्टी में शामिल होने से प्रतिबंधित किया गया है। नेशनल असेंबली ने मंगलवार को चुनाव (दूसरा संशोधन) अधिनियम, 2024 पारित किया, जिसके बाद सीनेट में भी इसे पारित किया गया, जाहिर तौर पर शीर्ष अदालत के 12 जुलाई के फैसले को दरकिनार करने के लिए, जिसमें पीटीआई को आरक्षित सीटों के लिए एक वैध पार्टी घोषित किया गया था। संशोधन ने चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 66 और 104 को बदल दिया, जिससे स्वतंत्र उम्मीदवारों को संवैधानिक और कानूनी रूप से परिभाषित अवधि के बाद राजनीतिक दलों में शामिल होने से रोक दिया गया।