दक्षिण कोरिया के चुनाव में एक अजीब वादा: गंजों को लुभाने की कोशिश
ली के मुताबिक दक्षिण कोरिया में तकरीबन एक करोड़ लोग बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं। उनमें से बहुत से लोग बाल झड़ना रुकने के लिए ऑनलाइन माध्यम से विदेशों से दवाएं मंगवाते हैं। ये दवाएं खासी महंगी पड़ती हैं। इसलिए ली ने प्रस्ताव रखा है कि दोबारा बाल उगाने के इलाज को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत शामिल किया जाए...
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दक्षिण कोरिया में सत्ताधारी पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने एक अजीब वादा किया है। उसे लेकर देश में तीखी बहस छिड़ गई है। ली जाये म्युंग इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा है कि अगर वे जीते तो स्वास्थ्य बीमा के तहत बाल झड़ने के इलाज को भी शामिल किया जाएगा। इस वादे से वे लोग खुश हैं, जो गंजेपन या बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं।
ली जाये म्युंग ने इसी हफ्ते ये वादा देश के सामने रखा। तब से यहां सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष में संदेशों की बाढ़ आई हुई है। अनेक लोगों ने इस वादे का समर्थन किया है। लेकिन कई लोगों ने कहा है कि यह वोट पाने की वैसी ही कोशिश है, जैसी अब तक गंजे लोग फिर से बाल उगाने के लिए करते रहे हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल हो
ली के मुताबिक दक्षिण कोरिया में तकरीबन एक करोड़ लोग बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं। उनमें से बहुत से लोग बाल झड़ना रुकने के लिए ऑनलाइन माध्यम से विदेशों से दवाएं मंगवाते हैं। ये दवाएं खासी महंगी पड़ती हैं। इसलिए ली ने प्रस्ताव रखा है कि दोबारा बाल उगाने के इलाज को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत शामिल किया जाए। दक्षिण कोरिया की आबादी पांच करोड़ से ज्यादा है।
ली ने एक फेसबुक पोस्ट में लोगों से यह बताने को कहा कि बाल झड़ने का इलाज कराने के दौरान उन्हें कितनी दिक्कत हुई। फिर लिखा- ‘मैं बाल झड़ने के इलाज के लिए एक परफेक्ट पॉलिसी पेश करूंगा।’ तब से इस पर प्रतिक्रिया देने वालों की सोशल मीडिया पर झड़ी लगी हुई है। इस समस्या से पीड़ित लोगों ने अपने ऑनलाइन ग्रुप भी बना लिए हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी ने ऐसे एक ग्रुप की ऑनलाइन बैठक भी आयोजित की है। कई लोगों ने अपनी समस्या सोशल मीडिया पर लिखी है और यह बताया है कि बाल उगाने के लिए वे कितनी रकम खर्च कर चुके हैं।
दूसरे उम्मीदवार बोले- घटाएंगे जेनरिक दवाओं के दाम
लेकिन इस वादे की आलोचना भी हुई है। विपक्ष ने इसे ली का वोट जुटाने का हथकंडा करार दिया है। पेशे से डॉक्टर रह चुके एक छोटे दल की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अहन चियोल सू ने इसे एक गैर-जिम्मेदार वादा बताया है। इसके बदले उन्होंने वादा किया है कि वे राष्ट्रपति बने तो जेनरिक दवाओं की कीमत घटाएंगे।
विश्लेषकों ने कहा है कि ली दक्षिण कोरिया का बर्नी सैंडर्स बनना चाहते हैँ। अमेरिका का सोशलिस्ट नेता बर्नी सैंडर्स वहां हेल्थ केयर पॉलिसीज में चश्मा, सुनने की मशीन, डेंचर आदि को शामिल कराने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ली ने देश में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की व्यवस्था करने का वादा भी किया है। इसके पहले ली ग्योनगी प्रांत के गवर्नर थे। वहां कोविड-19 महामारी के दौरान उनके उठाए गए कदम काफी लोकप्रिय हुए।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दक्षिण कोरिया में कुल कितने लोग बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं, इसका कोई आधिकारी आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस सर्विस के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में दो लाख 30 हजार लोग इस समस्या का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे थे।