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Tariffs: 'अमेरिका का करीबी साझेदार है भारत, पर कदम जरूरी', रूबियो की सफाई- रूस से तेल खरीदने पर लगा 25% टैरिफ
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 24 Sep 2025 08:15 AM IST
सार
US-India Relations And Tariffs: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। इस दौरान उन्होंने भारत को अमेरिका का करीबी साझेदार भी बताया।
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मार्को रुबियो, अमेरिकी विदेश मंत्री
- फोटो : X @SecRubio
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विस्तार
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि भारत अमेरिका का बेहद करीबी साझेदार है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का शुल्क लगाया है। यह फैसला यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ दबाव बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इस फैसले के बाद अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंच गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
यह भी पढ़ें - UN: 'राष्ट्रपति की टीम ही इसकी जिम्मेदार', ट्रंप की खराब एस्केलेटर-टेलीप्रॉम्प्टर की शिकायत पर संयुक्त राष्ट्र
रूस पर कार्रवाई के लिए लेना पड़ा फैसला- रूबियो
मार्को रूबियो ने ये बयान एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जब उनसे पूछा गया था कि ट्रंप बार-बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कार्रवाई की धमकी देते हैं, लेकिन सीधे कदम नहीं उठाते। इस पर रूबियो ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कार्रवाई की है। उदाहरण के लिए, भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाए गए हैं। भारत हमारा करीबी साझेदार है, लेकिन रूस से उनके तेल की खरीद पर हमें यह कदम उठाना पड़ा।' मार्को रूबियो ने बताया कि अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम का बिल भी इसी मुद्दे से जुड़ा था, जिसमें रूस से तेल और गैस खरीदने पर भारत और चीन पर टैक्स बढ़ाने की बात की गई थी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप को भी चेताया
इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय देशों से भी कहा है कि वे रूस से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस और तेल खरीदना बंद करें। 'रूस से ऊर्जा खरीदना सीधे तौर पर युद्ध को ईंधन देने जैसा है।' रूबियो ने बताया कि अलास्का में ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन के बाद यूरोपीय नेता वॉशिंगटन आए थे और यूक्रेन को भविष्य में सुरक्षा गारंटी देने पर बातचीत हुई। उन्होंने दावा किया कि इस दिशा में काफी प्रगति हुई है, जो युद्ध खत्म करने के लिए होने वाली किसी भी शांति वार्ता का अहम हिस्सा होगी।
यह भी पढ़ें - ट्रंप प्रशासन का यू-टर्न: फिर काम पर बुलाए गए नौकरी से हटाए गए सरकारी कर्मचारी, मस्क की कटौती नीति पड़ी महंगी
भारतीय विदेश मंत्री से रूबियो की मुलाकात
मार्को रूबियो ने सोमवार सुबह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'न्यूयॉर्क में रूबियो से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिक विषयों पर प्रगति के लिए जुड़े रहेंगे।' यह मुलाकात करीब एक घंटे चली। हाल के महीनों में व्यापार, शुल्क और रूस से भारत की ऊर्जा खरीद को लेकर दोनों देशों में तनाव बना हुआ था।
'भारत-अमेरिका संबंध बेहद महत्वपूर्ण'
वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के बयान में कहा गया कि भारत-अमेरिका संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, दवाइयों और अहम खनिजों पर गहरी बातचीत हुई। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्रता और स्थिरता के लिए मिलकर काम जारी रखने और क्वाड समूह के तहत सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई।
यह भी पढ़ें - UNGA 2025: 'नाटो देशों के हवाई क्षेत्र में घुसें रूसी विमान तो कर दें ढेर', जानें ऐसा क्यों बोले डोनाल्ड ट्रंप
रूबियो ने दोहराया ट्रंप का अलाप
मार्को रूबियो ने एक अन्य इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप ने दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए जितना समय और प्रयास लगाया है, उतना किसी और नेता ने नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में ट्रंप ने चार बड़े संघर्षों को खत्म कराया है। जिसमें कांगो और रवांडा, अजरबैजान और आर्मेनिया, थाईलैंड और कंबोडिया, भारत और पाकिस्तान संघर्ष शामिल है।
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रूस पर कार्रवाई के लिए लेना पड़ा फैसला- रूबियो
मार्को रूबियो ने ये बयान एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जब उनसे पूछा गया था कि ट्रंप बार-बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कार्रवाई की धमकी देते हैं, लेकिन सीधे कदम नहीं उठाते। इस पर रूबियो ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कार्रवाई की है। उदाहरण के लिए, भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाए गए हैं। भारत हमारा करीबी साझेदार है, लेकिन रूस से उनके तेल की खरीद पर हमें यह कदम उठाना पड़ा।' मार्को रूबियो ने बताया कि अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम का बिल भी इसी मुद्दे से जुड़ा था, जिसमें रूस से तेल और गैस खरीदने पर भारत और चीन पर टैक्स बढ़ाने की बात की गई थी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप को भी चेताया
इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय देशों से भी कहा है कि वे रूस से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस और तेल खरीदना बंद करें। 'रूस से ऊर्जा खरीदना सीधे तौर पर युद्ध को ईंधन देने जैसा है।' रूबियो ने बताया कि अलास्का में ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन के बाद यूरोपीय नेता वॉशिंगटन आए थे और यूक्रेन को भविष्य में सुरक्षा गारंटी देने पर बातचीत हुई। उन्होंने दावा किया कि इस दिशा में काफी प्रगति हुई है, जो युद्ध खत्म करने के लिए होने वाली किसी भी शांति वार्ता का अहम हिस्सा होगी।
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भारतीय विदेश मंत्री से रूबियो की मुलाकात
मार्को रूबियो ने सोमवार सुबह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'न्यूयॉर्क में रूबियो से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिक विषयों पर प्रगति के लिए जुड़े रहेंगे।' यह मुलाकात करीब एक घंटे चली। हाल के महीनों में व्यापार, शुल्क और रूस से भारत की ऊर्जा खरीद को लेकर दोनों देशों में तनाव बना हुआ था।
'भारत-अमेरिका संबंध बेहद महत्वपूर्ण'
वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के बयान में कहा गया कि भारत-अमेरिका संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, दवाइयों और अहम खनिजों पर गहरी बातचीत हुई। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्रता और स्थिरता के लिए मिलकर काम जारी रखने और क्वाड समूह के तहत सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई।
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रूबियो ने दोहराया ट्रंप का अलाप
मार्को रूबियो ने एक अन्य इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप ने दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए जितना समय और प्रयास लगाया है, उतना किसी और नेता ने नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में ट्रंप ने चार बड़े संघर्षों को खत्म कराया है। जिसमें कांगो और रवांडा, अजरबैजान और आर्मेनिया, थाईलैंड और कंबोडिया, भारत और पाकिस्तान संघर्ष शामिल है।