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Tariff: ट्रंप के सलाहकार नवारो बड़बोलेपन से नहीं आ रहे बाज, बोले- भारत पर टैरिफ लगाकर रूस की लाइफलाइन काट रहे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 29 Aug 2025 11:21 AM IST
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सार
पीटर नवारो ने कहा कि 'यूक्रेन युद्ध से पहले भारत, रूस से एक प्रतिशत से भी कम कच्चे तेल का आयात करता था, आज वह आयात बढ़कर 30 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है, जो करीब 15 लाख बैरल प्रतिदिन है।'

व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं और लगातार भारत पर हमला बोलते हुए 50 प्रतिशत टैरिफ को जायज ठहरा रहे हैं। पीटर नवारो ने सोशल मीडिया पर साझा कई पोस्ट में आरोप लगाया कि भारत, रूस से तेल खरीदकर फायदा उठा रहा है।
'भारत पर टैरिफ रूस की वॉर मशीन की लाइफलाइन काटने जैसा'
पीटर नवारो ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप का भारत से आने वाले सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लागू हो गया है। यह रूसी राष्ट्रपति पुतिन की वॉर मशीन की लाइफलाइन काटने जैसा है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता ऊंची टैरिफ दरों के बावजूद भारतीय सामान खरीद रहे हैं। वहीं भारत उसी डॉलर का इस्तेमाल कर रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है।
पीटर नवारो ने बिना किसी आधार के भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'भारतीय रिफाइनरीज, अपने रूसी सहयोगियों के साथ मिलकर कच्चे तेल को रिफाइन करके फिर से ब्लैक मार्किट में बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा रही हैं। इससे रूस की जेब में नकदी आ रही है, जो यूक्रेन युद्ध में रूस को वित्तपोषित कर रही है।' व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार नवारो यहीं नहीं रुके और अन्य ट्वीट में लिखा कि 'यूक्रेन युद्ध से पहले भारत, रूस से एक प्रतिशत से भी कम कच्चे तेल का आयात करता था, आज वह आयात बढ़कर 30 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है, जो करीब 15 लाख बैरल प्रतिदिन है। यह बढ़ोतरी घरेलू मांग की वजह से नहीं हुई है बल्कि इससे भारतीय तेल कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, जिसकी कीमत यूक्रेन के लोगों को चुकानी पड़ रही है।'
ये भी पढ़ें- Trump Tariffs: 'ट्रंप का टैरिफ ऐसा, जैसे कोई चूहा हाथी को मार रहा', अमेरिकी राष्ट्रपति पर भड़के अर्थशास्त्री
'रूसी तेल से मुनाफा कमा रहीं भारतीय तेल कंपनियां'
पीटर नवारो ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'भारत की बड़ी तेल कंपनियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को रिफाइनिंग हब में बदल दिया है, जो रूस के लिए तेल से पैसा कमाने का जरिया बन गई हैं। भारतीय रिफाइनरी रूस से सस्ता तेल खरीद कर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशियाई देशों को निर्यात कर रही हैं और निष्पक्षता के नाम पर प्रतिबंधों से भी बच रही हैं।' नवारो ने ये भी दावा किया कि भारत रूस के कच्चे तेल को रिफाइन करके हर दिन 10 लाख बैरल रिफाइन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करता है।

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'भारत पर टैरिफ रूस की वॉर मशीन की लाइफलाइन काटने जैसा'
पीटर नवारो ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप का भारत से आने वाले सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लागू हो गया है। यह रूसी राष्ट्रपति पुतिन की वॉर मशीन की लाइफलाइन काटने जैसा है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता ऊंची टैरिफ दरों के बावजूद भारतीय सामान खरीद रहे हैं। वहीं भारत उसी डॉलर का इस्तेमाल कर रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है।
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पीटर नवारो ने बिना किसी आधार के भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'भारतीय रिफाइनरीज, अपने रूसी सहयोगियों के साथ मिलकर कच्चे तेल को रिफाइन करके फिर से ब्लैक मार्किट में बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा रही हैं। इससे रूस की जेब में नकदी आ रही है, जो यूक्रेन युद्ध में रूस को वित्तपोषित कर रही है।' व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार नवारो यहीं नहीं रुके और अन्य ट्वीट में लिखा कि 'यूक्रेन युद्ध से पहले भारत, रूस से एक प्रतिशत से भी कम कच्चे तेल का आयात करता था, आज वह आयात बढ़कर 30 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है, जो करीब 15 लाख बैरल प्रतिदिन है। यह बढ़ोतरी घरेलू मांग की वजह से नहीं हुई है बल्कि इससे भारतीय तेल कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं, जिसकी कीमत यूक्रेन के लोगों को चुकानी पड़ रही है।'
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'रूसी तेल से मुनाफा कमा रहीं भारतीय तेल कंपनियां'
पीटर नवारो ने आरोप लगाते हुए कहा कि 'भारत की बड़ी तेल कंपनियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को रिफाइनिंग हब में बदल दिया है, जो रूस के लिए तेल से पैसा कमाने का जरिया बन गई हैं। भारतीय रिफाइनरी रूस से सस्ता तेल खरीद कर उसे यूरोप, अफ्रीका और एशियाई देशों को निर्यात कर रही हैं और निष्पक्षता के नाम पर प्रतिबंधों से भी बच रही हैं।' नवारो ने ये भी दावा किया कि भारत रूस के कच्चे तेल को रिफाइन करके हर दिन 10 लाख बैरल रिफाइन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करता है।
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