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टेक कंपनियोंं पर ड्रैगन की नजर: चीन में जैक मा पर फिर चला डंडा, अब निशाने पर उनका पेमेंट एप अली-पे

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 14 Sep 2021 03:33 PM IST
सार

चीन की विनियामक संस्था ने एंट ग्रुप को अपने कारोबार की इकाइयों को अलग करने का आदेश दिया है। इन इकाइयों में एक हुआबेई है, जो परंपरागत क्रेडिट कार्ड की तरह है। दूसरी इकाई जियेबेई है, जो छोटे कर्ज देती है...

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Jack Ma payment app Alipay targeted by Chinese regulatory body
जैक मा - फोटो : PTI (File Photo)
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चीन में वित्तीय सुधारों के जारी दौर में अब सरकार ने ऑनलाइन पेमेंट के सबसे बड़े एप अली-पे को विभाजित करने का आदेश दिया है। इस एप को चलाने वाली कंपनी के मालिक अरबपति जैक मा हैं। चीन में अली-पे के एक अरब से ज्यादा यूजर हैँ। जैक मा के एंट ग्रुप में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाले उद्यमों में एक अली-पे भी हैं।

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चीन की विनियामक संस्था ने एंट ग्रुप को अपने कारोबार की इकाइयों को अलग करने का आदेश दिया है। इन इकाइयों में एक हुआबेई है, जो परंपरागत क्रेडिट कार्ड की तरह है। दूसरी इकाई जियेबेई है, जो छोटे कर्ज देती है। विनियामक संस्था ने कहा है कि एंट ग्रुप को इन दोनों इकाइयों को उसके बाकी वित्तीय कारोबार से अलग करना होगा। साथ ही उसे उन कंपनियों में हिस्सेदारी दूसरे शेयर होल्डर्स को बेचने होंगे। अधिकारियों ने कंपनी से कहा है कि इन दोनों कारोबार को वह अलग-अलग एप से चलाए।
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इसके साथ ही एंट ग्रुप ने अपने पहले के कारोबार में यूजर्स से जितने डाटा इकट्ठे किए हैं, उन्हें उसको एक नई कंपनी को सौंप देना होगा। ये कंपनी एक संयुक्त उद्यम होगी, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी भी होगी। विनियमन कार्यों से जुड़े एक अधिकारी ने वेबसाइट निक्कई एशिया से कहा- ‘चीन सरकार की राय है कि बड़ी टेक कंपनियां डाटा पर अपने कंट्रोल की वजह से ही मोनोपॉली कायम कर लेती हैं।’

जानकारों का कहना है कि सरकार की नई कार्रवाई से एंट ग्रुप के कर्ज कारोबार की गति धीमी हो जाने का अंदेशा है। हुआबेई और जियेबेई के कारोबार में पिछले एक साल में काफी उछाल आया था। एंट ग्रुप पहले से सरकार के निशाने पर है। पिछले साल उस पर हुई कार्रवाई के साथ ही चीन में बड़ी टेक कंपनियों पर डंडा चलना शुरू हुआ था। तब सरकार ने एंट ग्रुप के आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) को रोक दिया था।

सोमवार को जारी ताजा आदेश के बाद हांगकांग में अलीबाबा ग्रुप के शेयरों के भाव में 5.9 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई। इसका असर हांगकांग शेयर बाजार के सूचकांक हांग सेंग पर भी पड़ा, जिसमें 3.4 फीसदी की गिरावट आई। एंट ग्रुप का विनियामक संस्थाओं से टकराव एक दूसरे मुद्दे पर भी चल रहा है। पिछले दिनों खबर आई थी कि शुरुआती इनकार के बाद कंपनी अपने एक नए साझा उद्यम में सरकारी कंपनी झेजियांग टूरिज्म इन्वेस्टमेंट ग्रुप को आधी से ज्यादा हिस्सेदारी देने पर सहमत हो गई है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सहमति बनी थी कि जैक मा की टीम ही नए साझा उद्यम के सर्वोच्च पदों पर होगी। लेकिन निर्णय में उसे सरकारी कंपनी की राय लेनी होगी। विवाद की स्थिति में सरकारी कंपनी की राय निर्णायक होगी।

जैक मा को चीन का सबसे धनी व्यक्ति माना जाता है। पिछले साल तक चीन में उन्हें एक आईकॉन समझा जाता था। लेकिन उसके बाद चीन सरकार की कार्रवाई शुरू हो गई। इसकी शुरुआत एंट ग्रुप से ही हुई। उसके बाद बड़ी टेक और कई दूसरे क्षेत्रों की कंपनियां भी निशाने पर आई हैं। इससे चीन के शेयर बाजार में उन कंपनियों के मूल्य में खरबों डॉलर की गिरावट आई है। उसी सिलसिले में अब अली-पे भी निशाने पर आ गया है।

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