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US-Lebanon Ceasefire: दीर्घकालिक सीजफायर पर बात करेंगे इस्राइल-अमेरिका, लेबनान बोला- हिजबुल्ला हथियार डालेगा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बेयरूत
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 18 Aug 2025 03:41 PM IST
सार
लेबनान ने हिजबुल्ला को हथियार छोड़ने के अमेरिकी समर्थित योजना को मंजूरी दी। अमेरिका के विशेष दूत टॉम बैरक इस्राइल के साथ लंबी शांति पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति औन और प्रधानमंत्री सलाम गैर-राज्य सशस्त्र समूहों को नियंत्रित करना चाहते हैं। युद्ध और आर्थिक संकट से लेबनान को भारी नुकसान हुआ। बैरक ने हिजबुल्ला को चेतावनी दी और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में कदम उठाए।
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इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
- फोटो : एक्स@netanyahu
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विस्तार
अमेरिका के विशेष दूत टॉम बैरक ने कहा है कि उनकी टीम इस्राइल के साथ लंबी अवधि के लिए संघर्ष विराम पर बातचीत करेगी। यह कदम लेबनान द्वारा हिजबुल्ला को हथियार छोड़ने के अमेरिकी समर्थित योजना को मंजूरी देने के बाद आया है। बैरक ने लेबनानी राष्ट्रपति जोसेफ औन से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। अमेरिका अब युद्ध के बाद देश की आर्थिक पुनर्निर्माण योजना पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
बैरेक ने कहा कि लेबनानी सरकार ने अपना काम पूरा कर लिया है और अब इस्राइल की ओर से भी समान कदम उठाने की आवश्यकता है। इस बीच, हिजबुल्ला और उसके सहयोगी समूह इससे नाराज हैं। उनका कहना है कि इस्राइल को पहले दक्षिण लेबनान में कब्जा किए पांच पहाड़ी क्षेत्रों से पीछे हटना चाहिए और लगातार होने वाली हवाई हमलों को बंद करना चाहिए। हिजबुल्ला के महासचिव नैम कासेम ने हथियार छोड़ने के प्रयासों का विरोध किया है, जिससे देश में गृह संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
लेबनानी सरकार की योजना और तैयारी
राष्ट्रपति औन और प्रधानमंत्री नवाफ सलाम हिजबुल्ला और अन्य गैर-राज्य सशस्त्र समूहों को हथियार छोड़ने के पक्ष में हैं। उन्होंने इस्राइल से हमलों को रोकने और अपने देश से पीछे हटने की मांग की है। औन ने लेबनानी सेना के लिए फंड बढ़ाने की योजना भी बनाई है, ताकि सेना की क्षमता मजबूत हो सके। इसके अलावा, वह अंतरराष्ट्रीय दाताओं से धन जुटाकर देश के पुनर्निर्माण की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
आर्थिक नुकसान और चुनौती
विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, हिजबुल्ला और इस्राइल के बीच 2024 के युद्ध में लेबनान को लगभग 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। देश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में भारी तबाही हुई। इसके साथ ही, 2019 से चल रही आर्थिक मंदी ने लेबनान को गंभीर संकट में डाल दिया है। युद्ध और आर्थिक संकट ने नागरिकों की जिंदगी मुश्किल बना दी है और तत्काल राहत की आवश्यकता है।
ये भी पढ़ें- म्यांमार में 28 दिसंबर से शुरू होगा मतदान, क्या देश में चार साल बाद खत्म होगा सेना का शासन?
अमेरिका की भूमिका और भविष्य की रणनीति
बैरक ने हिजबुल्ला को चेतावनी दी है कि यदि वह हथियार छोड़ने के प्रयासों का समर्थन नहीं करता है तो यह अवसर खो जाएगा। अमेरिका लेबनान में स्थायी शांति और विकास की दिशा में काम करने के लिए आर्थिक प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा है। बैरक की योजना में इस्राइल के साथ समन्वय करना और युद्ध-विराम का पालन कराना शामिल है। इसके अलावा, बैरक जल्द ही प्रधानमंत्री सलाम और स्पीकर नबिह बेरी से भी मुलाकात करेंगे, जो अक्सर हिजबुल्ला के पक्ष से अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं।
ये भी पढ़ें- रूस से तेल खरीदने के लिए चीन पर टैरिफ क्यों नहीं लगाया गया? अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताई चौंकाने वाली वजह
देश और क्षेत्र में शांति की आशा
लेबनान सरकार का उद्देश्य देश में शांति बहाल करना और गैर-राज्य सशस्त्र समूहों को नियंत्रित करना है। हथियार छोड़ने और पुनर्निर्माण के प्रयासों से नागरिकों की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में सुधार की उम्मीद है। यदि इस्राइल और हिजबुल्ला दोनों पक्ष सहयोग करते हैं तो यह क्षेत्र में लंबे समय तक शांति स्थापित करने में मदद कर सकता है।
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बैरेक ने कहा कि लेबनानी सरकार ने अपना काम पूरा कर लिया है और अब इस्राइल की ओर से भी समान कदम उठाने की आवश्यकता है। इस बीच, हिजबुल्ला और उसके सहयोगी समूह इससे नाराज हैं। उनका कहना है कि इस्राइल को पहले दक्षिण लेबनान में कब्जा किए पांच पहाड़ी क्षेत्रों से पीछे हटना चाहिए और लगातार होने वाली हवाई हमलों को बंद करना चाहिए। हिजबुल्ला के महासचिव नैम कासेम ने हथियार छोड़ने के प्रयासों का विरोध किया है, जिससे देश में गृह संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
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लेबनानी सरकार की योजना और तैयारी
राष्ट्रपति औन और प्रधानमंत्री नवाफ सलाम हिजबुल्ला और अन्य गैर-राज्य सशस्त्र समूहों को हथियार छोड़ने के पक्ष में हैं। उन्होंने इस्राइल से हमलों को रोकने और अपने देश से पीछे हटने की मांग की है। औन ने लेबनानी सेना के लिए फंड बढ़ाने की योजना भी बनाई है, ताकि सेना की क्षमता मजबूत हो सके। इसके अलावा, वह अंतरराष्ट्रीय दाताओं से धन जुटाकर देश के पुनर्निर्माण की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
आर्थिक नुकसान और चुनौती
विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, हिजबुल्ला और इस्राइल के बीच 2024 के युद्ध में लेबनान को लगभग 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। देश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में भारी तबाही हुई। इसके साथ ही, 2019 से चल रही आर्थिक मंदी ने लेबनान को गंभीर संकट में डाल दिया है। युद्ध और आर्थिक संकट ने नागरिकों की जिंदगी मुश्किल बना दी है और तत्काल राहत की आवश्यकता है।
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अमेरिका की भूमिका और भविष्य की रणनीति
बैरक ने हिजबुल्ला को चेतावनी दी है कि यदि वह हथियार छोड़ने के प्रयासों का समर्थन नहीं करता है तो यह अवसर खो जाएगा। अमेरिका लेबनान में स्थायी शांति और विकास की दिशा में काम करने के लिए आर्थिक प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा है। बैरक की योजना में इस्राइल के साथ समन्वय करना और युद्ध-विराम का पालन कराना शामिल है। इसके अलावा, बैरक जल्द ही प्रधानमंत्री सलाम और स्पीकर नबिह बेरी से भी मुलाकात करेंगे, जो अक्सर हिजबुल्ला के पक्ष से अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं।
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देश और क्षेत्र में शांति की आशा
लेबनान सरकार का उद्देश्य देश में शांति बहाल करना और गैर-राज्य सशस्त्र समूहों को नियंत्रित करना है। हथियार छोड़ने और पुनर्निर्माण के प्रयासों से नागरिकों की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में सुधार की उम्मीद है। यदि इस्राइल और हिजबुल्ला दोनों पक्ष सहयोग करते हैं तो यह क्षेत्र में लंबे समय तक शांति स्थापित करने में मदद कर सकता है।