Russia: वैगनर समूह के चीफ से मिले राष्ट्रपति पुतिन, क्रेमलिन ने की पुष्टि; जानें अब तक क्या-क्या हुआ
Russia: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर समूह के प्रमुख प्रिगोझिन से मुलाकात की। क्रेमलिन ने इसकी पुष्टि की है।
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन से मुलाकात की। क्रेमलिन ने इसकी पुष्टि की है। पिछले दिनों प्रिगोझिन ने पुतिन के खिलाफ बगावत का एलान किया था। हालांकि, बेलारूस की मध्यस्थता से डेढ़ दिन बाद ही दोनों के बीच समझौता हो गया था। उसके बाद से दोनों के बीच यह पहली मुलाकात है।
कैसे शुरु हुआ था पुतिन और प्रिगोझिन में टकराव
बीते महीनों मे प्रिगोझिन ने कई बार रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू पर यूक्रेन में तैनात उनके लड़ाकों की टुकड़ी को जानबूझकर कम हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया। इसके बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में वॉलिंटियर लड़ाकों को जून के अंत तक उनके साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने होंगे। हालांकि, मंत्रालय ने इस घोषणा में वैगनर समूह का नाम नहीं लिया था। लेकिन इस कदम को वैगनर समूह को नियंत्रित करने की कोशिशों के रूप में देखा गया। इसके बाद प्रिगोझिन ने आक्रोशित होकर एक बयान में एलान किया था कि उनके लड़ाके इस अनुबंध का बहिष्कार करेंगे।
वैगनर समूह ने क्या लगाए थे पुतिन पर आरोप
वैगनर समूह के प्रमुख प्रिगोझिन ने कहा था कि उनके सैनिकों ने रूसी विमानों पर हमला किया था। उन्होंने दावा किया था कि रूसी विमान मॉस्को की ओर बढ़ रहे उनके सैनिकों पर रॉकेट से हमला कर रहे थे और बम गिरा रहे थे, ताकि उन्हें रोका जा सके। उन्होंने इस पर खेद व्यक्त किया था कि उन्हें रूसी विमानों को मार गिराना पड़ा।
चौबीस घंटे के भीतर रोस्तोव-ऑन-डोन को नियंत्रण में लिया
पुतिन के खिलाफ विद्रोह के एलान के चौबीस घंटे के भीतर ही 24 जून को वैगनर समूह के लड़ाकों ने रूस के एक पूरे शहर रोस्तोव-ऑन-डोन को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद उन्होंने वहां से भारी हथियारों से लदे दस्तों को उत्तर की तरफ भेजना शुरू किया, इस रास्ते में रूसी सेना का विमान गिरा दिया और राजधानी मॉस्को से करीब दो किलोमीटर दूर जाकर रुक गए। यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच पुतिन के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती थी। हालांकि, प्रिगोझिन ने दावा किया था कि वो विद्रोह नहीं कर रहे हैं। इस घटना ने रूस को गृहयुद्ध के काफी करीब पहुंचा दिया था।
बगावत पर पुतिन ने क्या कहा था
वैगनर समूह की बगावत के बाद पुतिन ने तुरंत एक टीवी संबोधन में घोषणआ की थी कि विद्रोह एक आपराधिक काम है, एक गंभीर अपराध है, ये देशद्रोह, ब्लैकमेल और आतंकवाद है। हालांकि, कुछ घंटों के बाद ही एक समझौते के तहत उन्होंने प्रिगोझिन के खिलाफ सभी आपराधिक आरोप वापस लेने का फैसला किया।
वैगनर समूह क्या है, कैसे शुरु हुआ और कहां सक्रिय है
वैगनर समूह को आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर के रूप में जाना जाता है। इसका नाम पहली बार 2014 में सामने आया था, जब रूस पूर्वी यूक्रेन में समर्थक अलगाववादियों की मदद कर रहा था। यह तब एक गोपनीय संगठन के रूप में काम कर रहा था। उस समय यह अफ्रीका और मध्य-पूर्व में सक्रिय था। बताया जाता है कि उस समय उसके पास पांच हजार लड़ाके थे, जिसमें ज्यादातर रूस की इलीट रेजीमेंट और स्पेशल फोर्स के सेवानिवृत्त सैनिक थे।
अब इस भाड़े की सेना के लड़ाकों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। बीते जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि वैगनर समूह तकरीबन पचास हजार लड़ाकों को नियंत्रित कर रहा है और यूक्रेन युद्ध में रूस के लिए अहम किरदार निभा रहा है। इसी साल अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने दावा किया था कि वैगनर लड़ाकों में अस्सी फीसदी को जेल से लाया गया। वैगनर समूह के लड़ाके रूस के लिए यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पूर्वी यूक्रेन के बखमूत शहर पर कब्जे में वैगनर समूह की बड़ी भूमिका था।