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मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में पुलवामा हमले का अहम रोल: विदेश मंत्रालय
एजेंसी, इस्लामाबाद
Published by: Avdhesh Kumar
Updated Fri, 03 May 2019 04:54 AM IST
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masood azhar
- फोटो : सोशल मीडिया
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पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करेगा। इस्लामाबाद ने यह भी कहा कि वह मसूद पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर तभी राजी हुआ, जब पुलवामा हमले के साथ मसूद को जोड़ने की कोशिश समेत सभी राजनीतिक संदर्भों को इस प्रस्ताव से हटा दिया गया।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान मसूद पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करने के लिए तैयार है और हम इस दिशा में जल्द कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘तीन बिंदुओं- यात्रा पाबंदी, हथियार पाबंदी और संपत्ति प्रतिबंध पर औपचारिक कार्रवाई की जाएगी। यह अनिवार्यता है। पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क है और हम ये सभी कार्रवाई करेंगे। पाकिस्तान ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के पिछले प्रस्तावों को खारिज कर दिया था क्योंकि उन प्रयासों में राजनीतिक एजेंडा था और उनका लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था।
पाकिस्तान मानता है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सिरदर्द है।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति सूचीबद्धता नियमों पर आधारित है और उसके फैसले आम सहमति से किए जाते हैं। पाक ने इन तकनीकी नियमों का सम्मान करने की जरूरत की सदैव वकालत की है और इस्लामाबाद ने इस समिति के राजनीतिकरण का विरोध किया है।
फैसल ने कहा, ‘मसूद को प्रतिबंध सूची में डालने के पिछले प्रस्तावों पर प्रतिबंध समिति में जरूरी आम सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि जानकारी उसके तकनीकी मापदंड पर खरा नहीं उतरती थी। इन प्रस्तावों का लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था और उन्हें पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था।’
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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान मसूद पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करने के लिए तैयार है और हम इस दिशा में जल्द कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘तीन बिंदुओं- यात्रा पाबंदी, हथियार पाबंदी और संपत्ति प्रतिबंध पर औपचारिक कार्रवाई की जाएगी। यह अनिवार्यता है। पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क है और हम ये सभी कार्रवाई करेंगे। पाकिस्तान ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के पिछले प्रस्तावों को खारिज कर दिया था क्योंकि उन प्रयासों में राजनीतिक एजेंडा था और उनका लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था।
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पाकिस्तान मानता है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सिरदर्द है।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति सूचीबद्धता नियमों पर आधारित है और उसके फैसले आम सहमति से किए जाते हैं। पाक ने इन तकनीकी नियमों का सम्मान करने की जरूरत की सदैव वकालत की है और इस्लामाबाद ने इस समिति के राजनीतिकरण का विरोध किया है।
फैसल ने कहा, ‘मसूद को प्रतिबंध सूची में डालने के पिछले प्रस्तावों पर प्रतिबंध समिति में जरूरी आम सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि जानकारी उसके तकनीकी मापदंड पर खरा नहीं उतरती थी। इन प्रस्तावों का लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था और उन्हें पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था।’