{"_id":"6947342d85c07d91600c728c","slug":"mantra-of-peace-resonated-at-united-nations-with-sri-sri-ravi-shankar-celebrating-second-world-meditation-day-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"UN: संयुक्त राष्ट्र में गूंजा शांति का मंत्र, श्रीश्री रवि शंकर के सान्निध्य में मना दूसरा विश्व ध्यान दिवस","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
UN: संयुक्त राष्ट्र में गूंजा शांति का मंत्र, श्रीश्री रवि शंकर के सान्निध्य में मना दूसरा विश्व ध्यान दिवस
एजेंसी, न्यूयॉर्क।
Published by: निर्मल कांत
Updated Sun, 21 Dec 2025 05:11 AM IST
सार
UN: संयुक्त राष्ट्र में दूसरे विश्व ध्यान दिवस पर श्रीश्री रवि शंकर के सानिध्य में ध्यान कार्यक्रम आयोजित हुआ, जहां प्राचीन भारतीय परंपरा और आधुनिक कूटनीति का अनूठा संगम दिखा। वैश्विक नेताओं और राजदूतों ने माना कि युद्ध और तनाव से जूझती दुनिया के लिए ध्यान अब जरूरत बन चुका है।
विज्ञापन
संयुक्त राष्ट्र में श्रीश्री रविशंकर
- फोटो : एक्स/श्रीश्री रविशंकर
विज्ञापन
विस्तार
विश्व के सबसे बड़े कूटनीतिक मंच, संयुक्त राष्ट्र के गलियारे अनूठी शांति और गहन मौन के साक्षी बने। गुरुदेव श्रीश्री रवि शंकर के सानिध्य में मनाए गए दूसरे विश्व ध्यान दिवस में प्राचीन भारतीय विरासत और आधुनिक कूटनीति का संगम देखने को मिला। यूक्रेन के सैनिकों से लेकर वैश्विक राजदूतों तक सभी के लिए ध्यान मानसिक शांति का सेतु बना।
कार्यक्रम के दौरान वैश्विक नेताओं, राजदूतों और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने एक सुर में स्वीकार किया कि युद्ध, मानसिक तनाव और अशांति से जूझती दुनिया के लिए ध्यान अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और वैश्विक आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्रीश्री रवि शंकर ने न सिर्फ ध्यान के दर्शन को समझाया, बल्कि वहां उपस्थित दुनिया भर के प्रतिनिधियों को 20 मिनट के मार्गदर्शित ध्यान सत्र के जरिये एक सूत्र में पिरो दिया।
ये भी पढ़ें: न्याय विभाग की वेबसाइट से गायब हुईं जेफरी एपस्टीन से जुड़ी 16 फाइल, ट्रंप की फोटो समेत अहम दस्तावेज शामिल
दर्शन और ध्यान का अंतर, खाली कटोरे की कहानी: संबोधन की शुरुआत गुरुदेव ने एक मर्मस्पर्शी कथा से की। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न दार्शनिकों के भरे हुए कटोरे (विचारों) को खाली कर शिक्षक ने एकता का संदेश दिया। गुरुदेव ने कहा, दर्शन शास्त्र मन को विचारों से भरते हैं, लेकिन ध्यान व्यक्ति को विचारों के पार ले जाकर उस साझा शांति के क्षेत्र में पहुंचाता है जहां से स्पष्टता का जन्म होता है।
युद्ध क्षेत्र से शिक्षा के गलियारों तक प्रासंगिकता
गुरुदेव ने ध्यान की व्यावहारिक शक्ति का उल्लेख करते हुए बताया कि, लगभग 8,000 यूक्रेनी सैनिकों ने तनाव और युद्ध के ट्रॉमा से उबरने के लिए ध्यान का सहारा लिया है। दुनिया भर के 500 से अधिक विश्वविद्यालय अब छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं।
ये भी पढ़ें: अमेरिका ने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाया, मादुरो के परिवार और सहयोगियों पर लगाए नए प्रतिबंध
वैश्विक कूटनीति और आंतरिक शांति : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी हरीश ने स्वागत भाषण में कहा, आज की आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के बीच ध्यान एक व्यावहारिक मानवीय कौशल है, जो संतुलित निर्णय लेने में सहायक है। अंडोरा, मैक्सिको और नेपाल के प्रतिनिधियों ने भी अपने देशों के अनुभव साझा किए।
Trending Videos
कार्यक्रम के दौरान वैश्विक नेताओं, राजदूतों और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने एक सुर में स्वीकार किया कि युद्ध, मानसिक तनाव और अशांति से जूझती दुनिया के लिए ध्यान अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और वैश्विक आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्रीश्री रवि शंकर ने न सिर्फ ध्यान के दर्शन को समझाया, बल्कि वहां उपस्थित दुनिया भर के प्रतिनिधियों को 20 मिनट के मार्गदर्शित ध्यान सत्र के जरिये एक सूत्र में पिरो दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: न्याय विभाग की वेबसाइट से गायब हुईं जेफरी एपस्टीन से जुड़ी 16 फाइल, ट्रंप की फोटो समेत अहम दस्तावेज शामिल
दर्शन और ध्यान का अंतर, खाली कटोरे की कहानी: संबोधन की शुरुआत गुरुदेव ने एक मर्मस्पर्शी कथा से की। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न दार्शनिकों के भरे हुए कटोरे (विचारों) को खाली कर शिक्षक ने एकता का संदेश दिया। गुरुदेव ने कहा, दर्शन शास्त्र मन को विचारों से भरते हैं, लेकिन ध्यान व्यक्ति को विचारों के पार ले जाकर उस साझा शांति के क्षेत्र में पहुंचाता है जहां से स्पष्टता का जन्म होता है।
युद्ध क्षेत्र से शिक्षा के गलियारों तक प्रासंगिकता
गुरुदेव ने ध्यान की व्यावहारिक शक्ति का उल्लेख करते हुए बताया कि, लगभग 8,000 यूक्रेनी सैनिकों ने तनाव और युद्ध के ट्रॉमा से उबरने के लिए ध्यान का सहारा लिया है। दुनिया भर के 500 से अधिक विश्वविद्यालय अब छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहे हैं।
ये भी पढ़ें: अमेरिका ने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाया, मादुरो के परिवार और सहयोगियों पर लगाए नए प्रतिबंध
वैश्विक कूटनीति और आंतरिक शांति : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी हरीश ने स्वागत भाषण में कहा, आज की आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के बीच ध्यान एक व्यावहारिक मानवीय कौशल है, जो संतुलित निर्णय लेने में सहायक है। अंडोरा, मैक्सिको और नेपाल के प्रतिनिधियों ने भी अपने देशों के अनुभव साझा किए।