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आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी जीत, जैश सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: Gaurav Pandey Updated Wed, 01 May 2019 07:07 PM IST
सार

  • संयुक्त राष्ट्र संघ की 1267 समिति की बैठक में लिया गया फैसला
  • वीटो का इस्तेमाल कर अब तक चार बार चीन ने लगाया अड़ंगा
  • जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले में था आतंकी मसूद अजहर का हाथ
  • पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन लाए थे अजहर के खिलाफ प्रस्ताव

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Masood Azhar designated as a terrorist in UN sanctions list
मसूद अजहर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भारत को आतंकवाद के मोर्चे पर बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। संसद, उड़ी और पुलवामा समेत कई बड़े आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। पहले चार बार मसूद को वैश्विक आतंकी करार देने में 'तकनीकी बाधा' के जरिए अड़ंगा लगाने वाले चीन ने इस बार वीटो का इस्तेमाल नहीं किया।

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पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पाकिस्तान से संचालित जैश के सरगना मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में प्रस्ताव पेश किया था। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 14 देशों ने इसका समर्थन किया था, लेकिन पाकिस्तान के हिमायती चीन ने 'तकनीकी बाधा' के जरिए प्रस्ताव को रोक दिया था और कहा था कि इस मसले पर विचार के लिए और वक्त चाहिए। 
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन से चीन की तकनीकी बाधा को हटाने जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, हां, डन। प्रतिबंध समिति ने मसूद पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया। चीन ने मंगलवार को ही अपने रुख में बदलाव के संकेत दे दिए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का विवादित मुद्दा अच्छी तरह सुलझ जाएगा।
 

इस फैसले में सभी छोटे और बड़े देश एक साथ आए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया गया है। सभी देशों को समर्थन के लिए धन्यवाद।
- सैयद अकबरुद्दीन, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत

10 साल की कोशिश के बाद सफलता

मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए भारत पिछले 10 साल से कोशिश कर रहा था। उसने सबसे पहले 2009 में प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 2016 में भारत ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष प्रस्ताव रखा। इन्हीं देशों की मदद से भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा लेकिन सफलता नहीं मिली। फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव पेश किया था।

क्या है 1267 प्रतिबंध समिति

1267 प्रतिबंध समिति के तहत संयुक्त राष्ट्र का कोई भी देश किसी आंतकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए निवेदन कर सकता है। इस पर सुरक्षा परिषद की स्थाई समिति का अनुमोदन करना जरूरी है। अगर सुरक्षा परिषद का कोई भी एक स्थाई सदस्य देश इस प्रस्ताव का वीटो करता है तो वह निवेदन पारित नहीं होगा। इससे पहले चीन भारत के इस प्रस्ताव को चार बार वीटो कर चुका है।

प्रतिबंध लगाने के बाद ये कार्रवाई की जा सकेगी

वैश्विक आतंकी करार दिए जाने के बाद मसूद की दुनियाभर में मौजूद संपत्ति और बैंक खातों को फ्रीज किया जा सकेगा। साथ ही उसके कहीं आने जाने पर रोक लग सकेगी। साथ ही उसके हथियारों पर प्रतिबंध रहेगा और इन्हें जब्त कर लिया जाएगा। 

विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन में उठाया था मुद्दा

बता दें कि भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बीती 23 अप्रैल को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का मुद्दा उठाया था। पाकिस्तानी आतंकी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों पर अड़ंगा लगाने को लेकर गोखले ने चीन की नीतियों की निंदा भी की थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि दोनों देशों को एक दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। इस दौरान भारतीय पक्ष ने चीन को मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों के सभी सबूत भी सौंपे थे। 

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